India Qatar LNG Deal: कतर में फांसी की सजा झेल रहे 8 पूर्व नौसेना अधिकारी आखिरकार भारत लौट आए हैं जहां पहुंचते ही उन्होंने भारत माता की जय के नारे लगाए और अपने देश की धरती को चूमा. पूर्व अधिकारियों की वतन वापसी भारतीय कूटनीति की बड़ी जीत मानी जा रही है क्योंकि कतर इन सैनिकों को फांसी की सजा देने पर अड़ा हुआ था.
हालांकि भारत के रणनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों के चलते सभी सैनिकों को न सिर्फ मृत्युदंड से माफी दे दी गई बल्कि उनकी वतन वापसी की प्रक्रिया भी बहुत तेजी से खत्म हुई. जहां अधिकारियों के ऊपर लगे जासूसी के आरोपों को खत्म करने के पीछे कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है लेकिन इस बीच LNG डील का नाम सामने आ रहा है और उसे ही इसकी सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार ये LNG डील क्या है और क्या सच में सैनिकों की रिहाई में इसकी अहम भूमिका रही है.
LNG यानी Liquefied Natural Gas (तरलीकृत प्राकृतिक गैस), भारत और कतर के बीच एक संभावित व्यापार समझौता है. इसके तहत कतर, भारत को तरलीकृत प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगा. यह डील भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी और कतर को अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए नया बाजार देगी.
आधिकारिक रिपोर्ट में कतर सरकार ने सजा के कारण का स्पष्ट खुलासा नहीं किया लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन अधिकारियों पर जासूसी का आरोप लगाया गया था. इसी आरोप में वो कतर में हिरासत में थे. कतर में जासूसी एक गंभीर अपराध है और इसके लिए मौत की सजा भी हो सकती है.
हाल ही में कूटनीतिक प्रयासों के बाद कतर ने इन पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. इस मामले का LNG गैस डील का कोई सीधा संबंध है इसकी पुष्टि कर पाना कठिन है. कुछ लोगों का मानना है कि इन दोनों घटनाओं का एक अप्रत्यक्ष संबंध हो सकता है. वे तर्क देते हैं कि अधिकारियों की रिहाई कतर और भारत के बीच बेहतर संबंधों का संकेत है.
इससे भविष्य में एलएनजी डील पर सहमति आसान हो सकती है. हालांकि, इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं है. एलएनजी डील एक व्यापारिक समझौता है, जबकि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों का मामला राजनीतिक है. हालांकि, अधिकारियों की वापसी को बेहतर संबंधों का संकेत माना जा सकता है, जो भविष्य में एलएनजी डील के लिए फायदेमंद हो सकता है.