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India Daily

क्या है ड्रैगन की पांडा डिप्लोमेसी? जिसके जरिए बिगड़े संबंध सुधार रहा ड्रैगन

Panda Diplomacy China: आपने देखा होगा कि चाइना के कई देशों को पांडा देता है. हालांकि, ये कोई फ्री नहीं होते हैं. इसके लिए वो उन देशों से मोटी रकम वसूलता है. खैर उसके पास मौजूद पांडा उसके लिए एक हथियार की तरह है जो किसी देश रिश्ते सुधारने के लिए उसकी मदद करते हैं. अभी ड्रैगन ने इसी डिप्लोमेसी का उपयोग ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंध सुधारने के लिए कर रहा है.

Panda Diplomacy China
Courtesy: the india daily live

China Panda Diplomacy: दुनियाभर के देशों के बीच किसी न किसी बात को लेकर कोई न कोई अनबन बनी रहती है. खैर हर देश चाहता है कि उसके सभी से अच्छे संबंध रहे. इसके लिए वो कई तरह की नीतियों और पॉलिस पर काम करते हैं. इन्हीं नीतियों को डिप्लोमेसी कहते हैं. ये सभी देशों के लिए अलग-अलग संबंधों के हिसाब से अलग-अलग होती है. जैसे चाइना कई देशों के साथ संबंध सुधारने के लिए पांडा का उपयोग करता है. इसे पांडा डिप्लोमेसी कहा जाता है.

चाइना उन्हीं देशों को पांडा देता है, जिसे वह अपना मित्र कहता है. कुछ समय पहले खबर आई थी कि चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है. चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे. वहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को पांडा देने का ऐलान किया था. अभी ऑस्ट्रेलिया के पास दो पांडा है. वहीं करीब एक साल पहले चाइना ने अमेरिका का पांडा ऑफर किए थे.

पांडा क्यों सबको चाहिए

दुनियाभर में पांडा को चिड़िया घरों में रखकर अच्छी खासी कमाई की जाती है. क्योंकि ये दिखने में काफी क्यूट होते हैं जिससे इन्हें देखने के लिए लोग आते हैं. चीन एक ऐसा देश है जिसके पास सबसे ज्यादा पांडा हैं. आज तक में करीब एक साल पहले छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के पास 1,800 पांडा जंगलों में हैं और 600 से ज्यादा उनसे दुनियाभर में चिड़ियाघरों दे रखे हैं.

चाइना उठा रहा इसका फायदा

अब वातावरण परिवर्तन के कारण कई देशों से पांडा कम हो रहे हैं. वहीं कई चिड़ियाघर से गायब ही हो गए हैं. ऐसे में चाइना तमाम देशों को पांडा देता है. हालांकि, ये इसके लिए अच्छा खासा चार्ज करता है. कई बार इन्हें किराए पर भेजता है. जानकार कहते हैं कि देशों को रौनक के लिए इनकी जरूरत होती है तो वो पांडा चाहते हैं और चाइना इनके जरिए कमाई करता है.

पांडा डिप्लोमेसी

चाइना कहता है कि वो पांडा का व्यापार नहीं करता है. बल्कि, इन प्यारे जानवरों के जरिए प्यार बांटता है. वो उन्हीं देशों को अपने पांडा देता है जो उसके दोस्त होते है. इसी इमोशनल गेम के सह में चाइना पांडा डिप्लोमेसी चलता है. हालांकि, ये भी देखने में आया है कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने कई बार चाइना को उसके पांडा वापस भी किए हैं.