menu-icon
India Daily

अमेरिका के लिए 'डर्टी वर्क', पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान पर क्या बोलीं अमेरिकी विदेश मंत्री?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब आसिफ से जब पूछा गया कि क्या पाकिस्तान का आतंकवादी समूहों को वित्त सहायता और समर्थन देने का इतिहास रहा है, तो उन्होंने ब्रिटिश समाचार आउटलेट स्काई न्यूज से कहा कि हम अमेरिका के लिए पिछले 30 साल से ये गंदा काम करते आए हैं. इसमें पश्चिम और ब्रिटेन भी शामिल है.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
US State Department spokesperson Tammy Bruce
Courtesy: Social Media

व्हाइट हाउस ने एक पत्रकार के उस सवाल को टाल दिया जिसमें एक पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया था कि उनके देश ने तीन दशकों तक अमेरिका और पश्चिम की ओर से "गंदे काम" किए हैं. मंगलवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस से पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई. लेकिन इस मामले पर ब्रूस ने ज्यादा कुछ नहीं बोला. 

ब्रूस ने कहा, "विदेश मंत्री दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे. हम उस क्षेत्र में सभी क्षेत्रों में हो रहे घटनाक्रमों पर भी नजर रख रहे हैं और जैसा कि आप जानते हैं, हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों के साथ कई स्तरों पर संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से सभी पक्षों को एक जिम्मेदार समाधान के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. दुनिया इस पर नजर रख रही है, लेकिन मेरे पास इस संबंध में कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है."

यह विवाद तब शुरू हुआ जब आसिफ से जब पूछा गया कि क्या पाकिस्तान का आतंकवादी समूहों को वित्त सहायता और समर्थन देने का इतिहास रहा है, तो उन्होंने ब्रिटिश समाचार आउटलेट स्काई न्यूज से कहा कि हम अमेरिका के लिए पिछले 30 साल से ये गंदा काम करते आए हैं. इसमें पश्चिम और ब्रिटेन भी शामिल है. ये हमारी गलती थी और मैं इसे मानता हूं कि इससे हमाारा नुकसान हुआ है. 

यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक घातक आतंकी हमले के बाद तनावपूर्ण समय में आई है, जिसके लिए प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली है. जब उनसे पाकिस्तान के साथ समूह के कथित संबंधों के बारे में पूछा गया, तो आसिफ ने देश में इसकी मौजूदगी से इनकार किया.

उन्होंने कहा, लश्कर-ए-तैयबा अब पाकिस्तान में मौजूद नहीं है. यह विलुप्त हो चुका है. यदि इसका मूल संगठन ही नहीं है, तो इसका दूसरा स्वरूप यहां कैसे जन्म ले सकता है. ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद दोनों पड़ोसी देशों से संपर्क कर रहा है. इस हमले में 26 नागरिक मारे गए थे. ब्रूस ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो जल्द ही भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे.