अमेरिका ने भारत सरकार द्वारा पिछले महीने तीन सैन्य उड़ानों से निर्वासित भारतीयों के साथ व्यवहार पर उठाई गई औपचारिक चिंताओं का जवाब दिया है. भारत ने इन निर्वासनों में धार्मिक संवेदनशीलता और भोजन की पसंद को लेकर सवाल उठाए थे.
भारत की आपत्ति और चिंताएं
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि केंद्र सरकार ने सिख निर्वासितों से पगड़ी हटाने और महिलाओं व बच्चों को बेड़ियों में जकड़ने की खबरों पर कड़ा ऐतराज जताया था. सरकार ने इन रिपोर्टों को गंभीरता से लिया और अमेरिकी अधिकारियों के सामने अपनी चिंता दर्ज की. सिंह ने कहा, "मंत्रालय ने 5 फरवरी को पहुंची उड़ान में निर्वासितों के साथ हुए व्यवहार, खासकर महिलाओं पर बेड़ियों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिकी अधिकारियों से कड़ा विरोध जताया. अमेरिकी पक्ष ने पुष्टि की कि 15 और 16 फरवरी को भारत पहुंची निर्वासन उड़ानों में किसी भी महिला या बच्चे को बेड़ियों में नहीं जकड़ा गया था."
अमेरिका का स्पष्टीकरण
कीर्ति वर्धन सिंह ने आगे बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने नई दिल्ली की चिंताओं का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी निर्वासित को धार्मिक सिर ढकने वाली वस्तु (जैसे पगड़ी) हटाने के लिए नहीं कहा गया. उड़ानों के दौरान एकमात्र व्यवस्था शाकाहारी भोजन की थी. उन्होंने कहा, "अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि 5, 15 और 16 फरवरी 2025 को पहुंची तीन चार्टर्ड उड़ानों में निर्वासितों को धार्मिक सिर ढकने वाली वस्तुएं हटाने का निर्देश नहीं दिया गया था और निर्वासितों ने उड़ानों के दौरान शाकाहारी भोजन के अलावा किसी धार्मिक व्यवस्था की मांग नहीं की."
दोनों देशों के बीच संवाद
यह घटना भारत-अमेरिका के बीच संवेदनशील मुद्दों पर संवाद की अहमियत को दर्शाती है. अमेरिका ने भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए स्थिति स्पष्ट की है, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद है.