Pope Francis Death: वेटिकन सिटी से आई एक बेहद भावुक कर देने वाली खबर में पोप फ्रांसिस का अंतिम संदेश दुनिया के सामने आया है. ईस्टर के दिन, अपने निधन से करीब 20 घंटे पहले उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''मसीह जी उठे हैं! ये शब्द हमारे अस्तित्व के संपूर्ण अर्थ को दर्शाते हैं, क्योंकि हम मृत्यु के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए बने हैं. #ईस्टर'' – पोप फ्रांसिस (@Pontifex)
बता दें कि यह ट्वीट सिर्फ शब्द नहीं थे, बल्कि उनके जीवन-दर्शन का सार था, जो उन्होंने अपने आखिरी पब्लिक अपीयरेंस में व्हीलचेयर पर बैठकर, सेंट पीटर्स स्क्वायर में साझा किया.
Christ is risen! These words capture the entire meaning of our existence, for we were not made for death but for life. #Easter https://t.co/s8D2o4WCfV
— Pope Francis (@Pontifex) April 20, 2025
शांति और आशा की पुकार
बताते चले कि 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस ने अपने ईस्टर संदेश में मसीह के पुनरुत्थान को एक नई शुरुआत की उम्मीद बताया. उन्होंने कहा, ''यह घटना घृणा पर प्रेम, अंधकार पर प्रकाश और मृत्यु पर जीवन की जीत का प्रतीक है.'' उन्होंने दुनिया से अपील की कि वह धर्म, अभिव्यक्ति और विचार की स्वतंत्रता का सम्मान करे. उन्होंने कहा कि यही आज के दौर में सच्ची और स्थायी शांति की नींव बन सकती है.
नेताओं से भावुक अपील
वहीं अपने भाषण में पोप ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रही हिंसा और संघर्षों, जैसे फिलिस्तीन, यूक्रेन, यमन, आर्मेनिया-अजरबैजान, कांगो और म्यांमार पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने वैश्विक नेताओं से आग्रह किया कि वे डर से प्रेरित नीतियों को छोड़कर एकजुटता और मानवीय प्रयासों को प्राथमिकता दें.
कमजोरों की आवाज बने पोप
इसके अलावा, पोप फ्रांसिस ने खास तौर पर शरणार्थियों, बीमारों, बुज़ुर्गों और महिलाओं-बच्चों के प्रति सहानुभूति जताई. उन्होंने समाज से करुणा और समावेशिता की ओर बढ़ने की अपील की. उन्होंने कहा, ''हर जीवन ईश्वर की नजर में अनमोल है.'' उनका यह संदेश आज के समाज में इंसानियत की जरूरत को उजागर करता है. आगे पोप फ्रांसिस ने कहा, ''आइए हम खुद को (परमेश्वर) के हाथों में सौंप दें, क्योंकि केवल वही सब कुछ नया बना सकता है.'' उनका यह आखिरी ट्वीट अब भी सोशल मीडिया और श्रद्धालुओं के दिलों में गूंज रही है.