'हमारी पीठ पीछे किए गए शांति समझौते को हम स्वीकार नहीं करेंगे', इशारों-इशारों में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्रंप और पुतिन को कर दिया सावधान!
यूक्रेन के राष्ट्रपति का यह बयान स्पष्ट करता है कि उनका देश किसी भी शांति समझौते को तब तक स्वीकार नहीं करेगा जब तक उसमें उसकी भागीदारी न हो. साथ ही, यूरोपीय देशों से भी उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की अपील की.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि उनका देश कभी भी किसी ऐसे शांति समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जो उसके बिना या उसकी पीठ पीछे किया गया हो. यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक अप्रत्यक्ष संदेश था, जो रूस के साथ युद्ध समाप्त करने के लिए शांति प्रक्रिया की दिशा में कदम उठा रहे हैं.
शांति समझौते पर जेलेंस्की की स्पष्ट स्थिति
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अपने भाषण में जेलेंस्की ने कहा, "यूक्रेन कभी भी उन समझौतों को स्वीकार नहीं करेगा जो हमारी पीठ पीछे किए गए हों और जिसमें हमारी भागीदारी नहीं हो. और यह नियम पूरी यूरोप के लिए लागू होना चाहिए." उनका यह बयान यह स्पष्ट करता है कि यूक्रेन किसी भी तरह के शांति समझौते को अपने अधिकारों और भविष्य की परवाह किए बिना स्वीकार नहीं करेगा.
यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए सेना बनाने की सलाह
जेलेंस्की ने यूरोप के नेताओं से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा के लिए खुद की सेना का निर्माण करें. उन्होंने कहा कि यूरोप को अपने भविष्य का निर्णय स्वयं लेना चाहिए और यह स्वीकार करना होगा कि केवल यूक्रेन की सेना यूरोप की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है. उनका मानना था कि अगर यूरोप को अपनी रक्षा करनी है तो उसे मजबूत सैन्य बल बनाने की आवश्यकता है.
ट्रंप और पुतिन के बीच संभावित बैठक पर चिंता
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच संभावित बैठक पर भी चिंता व्यक्त की. हाल ही में ट्रंप और पुतिन के बीच एक फोन कॉल हुआ था, और कहा जा रहा है कि दोनों नेता भविष्य में किसी मुलाकात का आयोजन कर सकते हैं, जो शायद सऊदी अरब में हो. जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि अगर ट्रंप पुतिन से मुलाकात करते हैं, तो यह यूक्रेन के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर तब जब यूक्रेन की भूमिका और उसके साथ कोई साझा रणनीति तय नहीं की गई हो.
यूरोप के लिए चेतावनी
जेलेंस्की ने यूरोप के नेताओं से पूछा कि यदि रूस कोई बड़ा हमला करता है या "फॉल्स-फ्लैग" हमले (जिसमें हमला किसी अन्य समूह द्वारा किया हुआ प्रतीत होता है) करता है, तो क्या उनकी सेनाएं इसके लिए तैयार हैं? उन्होंने कहा कि अगर इस युद्ध का अंत गलत तरीके से होता है, तो रूस के पास ऐसे सैनिक होंगे जो केवल हत्या और लूटपाट में माहिर होंगे. उनका यह भी कहना था कि रूस अगले कुछ महीनों में बेलारूस में अपनी सेना तैनात कर सकता है.
यूरोपीय सेना की आवश्यकता
जेलेंस्की ने यूरोप में अपनी सेना के निर्माण की आवश्यकता को बल देते हुए कहा, "हमें युद्ध लड़ने के साथ-साथ शांति और सुरक्षा के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा, और इसके लिए यूरोपीय सेना का निर्माण करना जरूरी है."