Switzerland Peace Summit: रूस से जारी जंग को रोकने के मकसद से यूक्रेन ने स्विट्जरलैंड में एक शांति सम्मेलन का आयोजन किया है लेकिन इस भीषण युद्ध को रोकने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जो शर्तें रख दी हैं यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों ने उन्हें मानने से साफ इंकार कर दिया. शर्तों को मानने से इंकार के बाद अब इस त्रासदी से निकट भविष्य में छुटकारा मिलने की संभावनाएं भी खत्म हो गई हैं.
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने तो यहां तक कह दिया कि राष्ट्रपति पुतिन की शांति योजना एक प्रोपेगेंडा है. वहीं जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने इसे 'तानाशाह की शांति' बताया.
युद्ध खत्म करने के लिए क्या रखीं रूस ने शर्त
बता दें कि यूक्रेन द्वारा आयोजित किए जा रहे इस शांति सम्मेलन में 90 देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं. पुतिन ने इस सम्मेलन के शुरू होने से दो दिन पहले ही अपनी शर्तें रख दी थीं. पुतिन ने युद्ध खत्म करने के लिए दो शर्तें रखी हैं. उनकी पहली शर्त हैं कि यूक्रेन को दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन और जापोरजिया से अपने सैनिक हटाने होंगे और दूसरा, यूक्रेन नेटो का सदस्य नहीं बनेगा.
पुतिन की शर्तें कारगर नहीं
इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने सम्मेलन में कहा कि पुतिन की शर्तें कारगर नहीं लगतीं क्योंकि पुतिन यूक्रेन को अपनी ही जमीन से पीछे हटने के लिए कह रहे हैं. बता दें कि पुतिन ने जिन चार इलाकों से यूक्रेन को पीछे हटने के लिए कहा है रूस का उन पर आंशिक कब्जा है. रूस का दावा है कि उसने 2022 में इन इलाकों को अपने में मिला लिया था.
परमाणु हमले की धमकी बर्दाश्त नहीं
दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में घोषणापत्र का एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है. घोषणापत्र में कहा गया है कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और उसके खिलाफ किसी भी परमाणु हमले की धमकी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस घोषणापत्र को रविवार को औपचारिक तौर पर स्वीकार कर लिया जाएगा.
स्विटजरलैंड के बर्गेनस्टॉक में आयोजित इस सम्मेलन को यूक्रेन अपनी सफता के तौर पर पेश कर रहा है. इस सम्मेलन को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश कूटनीति को एक और मौका देना चाहता है और ये दिखाना चाहता है कि मिलजुल कर युद्ध को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम इस शिखर सम्मेलन में इतिहास बनते हुए देखेंगे. उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी हो सके न्यायपूर्ण शांति स्थापित हो.