33 शब्दों में शपथ, सेना को परमाणु हथियारों से अभ्यास का आदेश, पांचवीं बार पावर में आए पुतिन के एक्शन से टेंशन में पश्चिमी देश
Vladimir Putin: व्लादिमीर पुतिन ने रिकॉर्ड पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति पद के रूप में शपथ ली है. यूक्रेन जंग के कारण अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों ने उनके शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया.
Vladimir Putin: व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर से राष्ट्रपति बन गए हैं. ग्रैंड क्रेमलिन में उन्होंने पांचवीं बार एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति पद की शपथ ली. इस कार्यक्रम में सबसे हैरान करने वाली बात रही पुतिन की शपथ. चार बार रूसी राष्ट्रपति रह चुके पुतिन नें पांचवीं बार मात्र 33 शब्दों में ही राष्ट्रपति पद की शपथ पूरी कर ली. शपथ लेते ही पुतिन ने कहा कि हमें रूस को चुनौतियों से बाहर निकालना है. हम और मजबूत होंगे. हम उन देशों के साथ भी अपने रिश्ते सुधारने पर जोर देंगे जो हमें दुश्मन मानते हैं. मैं देश की जनता का विश्वास बनाए रखने की हरसंभव कोशिश करूंगा. हालांकि उनकी फिर से सत्ता में वापसी पश्चिमी देशों को अखर रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, रूस में 15 से 17 मार्च के बीच राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. पुतिन के खिलाफ खड़े हुए निकोले खारितोनोव को मात्र 4 फीसदी ही वोट प्राप्त हुए थे. पुतिन के शपथ ग्रहण समारोह में यूक्रेन जंग के कारण अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने बहिष्कार भी किया. पुतिन इससे पहले साल 2000 में पहली बार रूस के प्रेसिडेंट बने थे. इसके बाद वह साल 2004, 2012 और 2018 में भी रुस के राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं. व्लादिमीर पुतिन साल 1999 से लेकर अब तक प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के रूप में हमेशा सत्ता में रहे हैं.
इससे पहले रूस के रक्षा मंत्रालय ने टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्य अभ्यास करने का ऐलान किया है. यूक्रेन पर पश्चिमी देशों के अधिकारियों की प्रतिक्रिया के बाद रूस ने यह फैसला किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अभ्यास पश्चिमी देशों के अधिकारियों के गैर-जिम्मेदार बयानों के जवाब में किया जाएगा. रूस पहले भी रणनीतिक परमाणु अभ्यास करता रहा है. हालांकि यह पहली बार है जब रूस ने इस तरह के अभ्यास की घोषणा सार्वजनिक की है.