Israeli attack on WHO chief Tedros Adhanom Ghebreyesus: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह इजरायली हमले से बाल-बाल बचते हुए दिखाई दे रहे हैं. यह हमला यमन के साना एयरपोर्ट पर हुआ था, जहां टेड्रोस और उनके सहयोगी एक खतरनाक हमले का शिकार होते-होते बाच बचे. इस हमले के बाद, टेड्रोस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "X" पर अपनी सुरक्षा के बारे में जानकारी दी और अपनी आभार प्रकट किया.
टेड्रोस ने अपने पोस्ट में लिखा, "हम एक बहुत खतरनाक हमले का सामना कर रहे थे, लेकिन मैं और मेरे @UN सहकर्मी अब सुरक्षित हैं. हमने अपने घायल साथी को अम्मान पहुंचाया, और वह अब स्थिर हैं."
उन्होंने इस मुश्किल वक्त में अपने शुभचिंतकों का धन्यवाद करते हुए कहा, "मेरे सभी मित्रों, सहकर्मियों और सभी लोगों का धन्यवाद जिन्होंने इस कठिन समय में मेरी सलामती की कामना की. मैं विशेष रूप से उन सहयोगियों और हवाई अड्डे के कर्मचारियों का आभारी हूं जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना मेरी सुरक्षा में मदद की."
टेड्रोस ने अपने सोशल मीडिया पर जो वीडियो साझा किया, उसमें वह एक काउच पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं. अचानक कमरे में अफरातफरी का माहौल बन जाता है और उन्हें जल्दी से बाहर निकाल लिया जाता है. इसके बाद एक और फुटेज दिखाता है, जिसमें बाहर की ओर एक तेज धमाका सुनाई देता है. इस धमाके को टेड्रोस ने अपनी आंखों से देखा.
टेड्रोस ने BBC रेडियो से बातचीत करते हुए बताया, "हमने पास में एक भारी धमाके की आवाज सुनी, फिर मुझे लगता है कि वह बार-बार हुआ. आवाज इतनी जोरदार थी कि मेरे कान में अब भी गूंज रही है."
उन्होंने यह भी बताया कि जिस डिपार्चर लाउंज में वह बैठे थे, वही हमला हुआ था और बाद में नियंत्रण टावर पर भी हमला हुआ. टेड्रोस ने कहा, "यह सिर्फ किस्मत थी कि अगर मिसाइल थोड़ा सा भी इधर-उधर जाती तो वह हम पर गिर सकती थी... मेरे सहयोगी ने कहा कि हम मौत से सिर्फ बाल-बाल बचे हैं."
इजरायल द्वारा यह हमले यमन के साना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और अन्य जगहों पर किए गए थे. इजरायली सेना ने इन हमलों को विद्रोही "सैन्य ठिकानों" को निशाना बनाने के रूप में बताया है. यह हमले 19 दिसंबर के बाद किए गए थे, जब यमनी विद्रोहियों द्वारा इजरायल की ओर मिसाइल दागे गए थे.
संयुक्त राष्ट्र ने यमन को "दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट" घोषित किया है, जिसमें 24.1 मिलियन लोग तत्काल सहायता और सुरक्षा की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं. यमन में वर्षों से चल रहा संघर्ष आवश्यक सार्वजनिक सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, पानी, स्वच्छता और शिक्षा को नष्ट कर चुका है.