PM Modi USA Visit: रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएस यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को 297 प्राचीन वस्तुएं सौंपीं जिन्हें तस्करी के जरिए लाया गया था. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के अवसर पर अमेरिकी पक्ष ने भारत से चुराई गई या तस्करी की गई 297 प्राचीन वस्तुओं की वापसी में मदद की है.
पीएम मोदी ने भी एक्स पर यह खबर साझा करते हुए कहा कि सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा करना और सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना. मैं राष्ट्रपति बाइडन और अमेरिकी सरकार का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने भारत को 297 अमूल्य पुरावशेषों की वापसी सुनिश्चित की है. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ लौटाई गई प्राचीन वस्तुओं की तस्वीरें भी शेयर कीं. प्राचीन धरोहरों की वापसी पर पीएम मोदी ने जो बाइडन धन्यवाद दिया.
Deepening cultural connect and strengthening the fight against illicit trafficking of cultural properties.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2024
I am extremely grateful to President Biden and the US Government for ensuring the return of 297 invaluable antiquities to India. @POTUS @JoeBiden pic.twitter.com/0jziIYZ1GO
पीएमओ के बयान के अनुसार, ये पुरावशेष लगभग 4,000 वर्ष पुराने हैं, जो 2000 ईसा पूर्व से 1900 ईसवी तक के हैं और इनका उद्गम भारत के विभिन्न क्षेत्रों से हुआ है. इनमें से अधिकांश कलाकृतियाँ पूर्वी भारत की टेराकोटा वस्तुएं हैं, जबकि अन्य पत्थर, धातु, लकड़ी और हाथी दांत से बनी हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करती हैं. सरकार के अनुसार, साल 2016 से अमेरिका ने तस्करी या चोरी की गई बड़ी संख्या में प्राचीन वस्तुओं को वापस करने में अहम भूमिका निभाई है. जून 2016 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान 10 प्राचीन वस्तुएं वापस की गईं, इसके बाद सितंबर 2021 में 157 और पिछले साल जून में उनकी यात्रा के दौरान 105 और वापस की गईं. कुल मिलाकर, 2016 से अब तक अमेरिका से भारत को 578 सांस्कृतिक कलाकृतियाँ वापस की गई हैं जो किसी भी देश द्वारा वापस की गई सबसे अधिक संख्या है.
इसके अतिरिक्त, जुलाई 2024 में, नई दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति की बैठक के दौरान, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत से अमेरिका में पुरावशेषों की अवैध तस्करी को रोकने और उससे निपटने के लिए अपने पहले 'सांस्कृतिक संपत्ति समझौते' पर हस्ताक्षर किए हैं.