USA And Russia Ties: अमेरिका अपने प्रमुख शत्रुओं रूस और चीन के साथ संभावित युद्ध के लिए तैयार नहीं है क्योंकि इसकी सेना में युद्ध के लिए आवश्यक क्षमताओं और सामर्थ्य दोनों का अभाव है. यह खुलासा अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में हुआ है. कांग्रेस द्वारा अमेरिकी रक्षा रणनीति की समीक्षा करने के लिए नियुक्त एक पैनल ने बताया कि उनका देश किसी बड़े संघर्ष को रोकने या उसमें जीत हासिल करने के लिए तैयार नहीं है. इस रिपोर्ट में अमेरिकी रक्षा रणनीति में कई तरह की खामियों को उजागर किया गया है. इसके अलावा रिपोर्ट में रूस और चीन को निकट भविष्य में वॉशिंगटन के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया गया है.
सोमवार को सामने आई 114 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले लिखी गई अमेरिका की राष्ट्रीय रक्षा रणनीति (NDS) अब पुरानी हो चुकी है. अमेरिकी सेना सही ढंग से स्ट्रक्चर्ड नहीं है. इसके अलावा वह संभावित खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार भी नहीं है. एक्सपर्ट द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में तर्क दिया गया कि अमेरिका किसी बड़े संघर्ष के लिए अंतिम बार शीत युद्ध के समय ही तैयार था. शीत युद्ध को खत्म हुए 35 साल से ज्यादा समय हो चुका है.
पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य और एनडीएस आयोग की अध्यक्ष जेन हरमन ने मंगलवार को सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति की सुनवाई के दौरान कहा कि हमारा आयोग यह स्वीकार करता है अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा हित द्वितीय विश्व युद्ध और शीत युद्ध की समाप्ति के बाद सबसे बड़े खतरों का सामना कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, चीन, रूस, उत्तर कोरिया और ईरान के बीच बढ़ते राजनीतिक और सैन्य गठबंधन से निकट भविष्य में अमेरिका के लिए गंभीर संकट पैदा हो गया है.रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इन देशों का सैन्य गठबंधन आगामी वर्षों में अमेरिका के खिलाफ व्यापक पैमाने पर युद्ध की घोषणा कर सकता है.
पिछले महीने वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन में अपनाए गए एक घोषणापत्र में चीन को यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थक करार दिया गया है. चीन ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि पश्चिमी देशों का यह रवैया झूठ और पक्षपात से भरा है. चीन और रूस ने पश्चिम के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि चीन रूस को दोहरे सामान की आपूर्ति कर रहा है. इस सामान का उपयोग हथियार बनाने में किया जा सकता है.
कांग्रेस की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका को यह मानकर चलना चाहिए यदि वह रूस और चीन के खिलाफ सीधे सैन्य संघर्ष में उतरता है तो उस देश को अन्य जगहों से सहायता मिलेगी. इससे यह जंग कई मोर्चों तक फैल जाएगी. रिपोर्ट में अमेरिका को यूरोप में अपनी बख्तरबंद सेना के विस्तार का भी सुझाव दिया गया है.