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तहव्वुर राणा को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ समीक्षा याचिका हुई खारिज

US Supreme Court rejects review petition of Tahawwur Rana: संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायक की गई याचिका को खारिज कर दिया है.

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US Supreme Court rejects review petition of Tahawwur Rana: अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने  मुंबई हमलों के सह-साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की ओर से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ आपातकालीन रोक लगाने की मांग की थी. कोर्ट ने सोमवार को इस याचिका को खारिज कर दिया, जो भारतीय अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है.

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की समीक्षा याचिका

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध केस स्टेटस के अनुसार, कोर्ट ने तहव्वुर राणा की याचिका को खारिज कर दिया है. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के क्लर्क ने इस मामले को 4 अप्रैल को "कांफ्रेंस" के लिए सूचीबद्ध किया था. इसका मतलब यह था कि कोर्ट के क्लर्क कार्यालय ने मामले से संबंधित सामग्री (याचिका, विरोध/समर्थन में लिखे गए नोट, आदि) को न्यायाधीशों के चेम्बर में भेजा था, ताकि आगामी कांफ्रेंस में इसकी समीक्षा की जा सके और यह तय किया जा सके कि क्या समीक्षा की अनुमति दी जानी चाहिए.

राणा ने भारत में यातना का खतरा बताया था

राणा ने अपने पहले के प्रत्यर्पण विरोधी याचिका में यह दावा किया था कि भारत में उसे यातना दिए जाने की संभावना बहुत अधिक है, क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं, पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं और एक पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी हैं. उन्होंने इसे एक "मधुमक्खी के छत्ते में भेजने जैसा" बताया था. राणा ने अपनी याचिका में ब्रिटेन के एक हालिया फैसले का भी हवाला दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि अगर संजय भंडारी को भारत प्रत्यर्पित किया गया तो उसे यातना का सामना करना पड़ सकता है.

भारतीय अधिकारियों को जल्द ही प्रत्यर्पण की तारीख की उम्मीद

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी को उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा बहुत जल्द यह तारीख तय की जाएगी, जब भारतीय टीम राणा को भारत लाने के लिए अमेरिका जा सकेगी. राणा का प्रत्यर्पण भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, ताकि उसे 26/11 हमले के लिए न्याय के दायरे में लाया जा सके.

2008 में 26 नवंबर से 29 नवंबर के बीच मुंबई में हुए आतंकी हमलों ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था. इस हमले में 166 लोग मारे गए, जिनमें 24 विदेशी नागरिक भी शामिल थे. इस हमले को अंजाम देने वाले 10 सशस्त्र आतंकवादियों का संबंध पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से था. ये आतंकी मुंबई में समुद्र के रास्ते से पहुंचे थे और शहर के प्रमुख स्थलों पर हमले किए थे.

India Daily