'अमेरिका ने चुपके से यूक्रेन को...', रूस-यूक्रेन युद्ध पर विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकन का सनसनीखेज खुलासा, दुनिया में मची खलबली

इस सनसनीखेज खुलासे ने रूस-यूक्रेन युद्ध के पीछे अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाने वाले कई विवादों को जन्म दिया है. इस बयान से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अमेरिका की कार्रवाई ने रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को और भी गहरा कर दिया था.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का हाल ही में दिया गया बयान दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है. ब्लिंकन ने स्वीकार किया कि अमेरिका ने रूस द्वारा शुरू किए जाने से पहले ही यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करना शुरू कर दिया था. इस सनसनीखेज खुलासे ने रूस-यूक्रेन युद्ध के पीछे अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाने वाले कई विवादों को जन्म दिया है. इस बयान से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अमेरिका की कार्रवाई ने रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव को और भी गहरा कर दिया था.

अमेरिका की भूमिका पर उभरे सवाल
ब्लिंकन ने यह स्वीकार किया कि रूस के विशेष सैन्य अभियान शुरू होने से पहले, अमेरिका ने चुपके से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति की थी. इस खुलासे से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका का यूक्रेन के समर्थन में सक्रिय रूप से योगदान था, और यह कदम रूस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया था. इस बयान ने उस विमर्श को और बढ़ावा दिया है, जो यह मानता है कि अमेरिका ने जानबूझकर इस संघर्ष को भड़काने के लिए यूक्रेन को मजबूत किया.

वाशिंगटन का कहानी और आलोचना का सामना
एंटनी ब्लिंकन का यह बयान वाशिंगटन द्वारा दी जा रही आधिकारिक कहानी से मेल नहीं खाता. पहले अमेरिका ने यह बताया था कि यूक्रेन के साथ उसके संबंध मुख्य रूप से रक्षा सहायता तक ही सीमित थे और उसने रूस के आक्रमण के बाद ही वहां सैन्य सहायता बढ़ाई थी. लेकिन ब्लिंकन के बयान ने इस कथन को कमजोर कर दिया है, जिससे वाशिंगटन की भूमिका को लेकर नए सवाल उठने लगे हैं. अब यह चर्चा का विषय बन गया है कि अमेरिका की नीतियां और उसकी सैन्य सहायता ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले को किस हद तक प्रेरित किया.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर वैश्विक प्रतिक्रिया
ब्लिंकन के बयान ने रूस-यूक्रेन युद्ध के अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को और भी जटिल बना दिया है. रूस ने पहले ही दावा किया था कि यूक्रेन को पश्चिमी देशों की ओर से मिल रही सैन्य सहायता ने उसकी सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था और यह आक्रमण का मुख्य कारण था. अब, अमेरिका द्वारा यूक्रेन को समय से पहले हथियार देने का खुलासा रूस के दावों को और मजबूत करता है, जिससे युद्ध की वैधता और अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठते हैं.

क्या अमेरिका ने जानबूझकर युद्ध को बढ़ावा दिया?
यह खुलासा यह सवाल भी उठाता है कि क्या अमेरिका ने जानबूझकर इस युद्ध को बढ़ावा दिया, ताकि रूस को एक सैन्य संघर्ष में उलझाया जा सके, और इसके माध्यम से अपनी वैश्विक शक्ति को मजबूत किया जा सके. कुछ राजनीतिक विश्लेषक और विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका ने इस संघर्ष का उपयोग रूस को कमजोर करने के लिए किया, ताकि वह अपनी ताकत को यूरेशिया और यूरोप में बढ़ा सके.