US on Russia Ukraine Ceasefire Deal: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल रखा है. हालांकि, दोनों देशों ने एक सीमित युद्धविराम पर सहमति जताई है. यह समझौता उस वक्त हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेन्स्की के बीच एक घंटा लंबी फोन कॉल के बाद एक सकारात्मक माहौल बना. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस समझौते के बारे में बयान देते हुए कहा कि, "हम अब शांति के लिए बहुत करीब हैं. यह वह समय है, जब हम सच में शांति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं."
युद्धविराम का यह समझौता केवल एक "आंशिक" युद्धविराम के रूप में है, लेकिन व्हाइट हाउस ने इसके बाद शांति समझौते की उम्मीद जताई है. प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि "अब हम शांति की दिशा में उस मुकाम तक पहुंच चुके हैं, जहां एक स्थायी युद्धविराम पर बात की जा रही है."
यह घटनाक्रम एक ऐसे पल से जुड़ा है, जब कुछ सप्ताह पहले ट्रम्प और ज़ेलेन्स्की के बीच व्हाइट हाउस में सार्वजनिक रूप से खटपट थी. लेकिन अब एक घंटा लंबी फोन कॉल के बाद दोनों नेताओं का रुख पूरी तरह से सकारात्मक था. दोनों नेताओं के बीच इस बातचीत को ज़ेलेन्स्की ने "सकारात्मक, विस्तृत और खुली" बताया. यह बदलाव दोनों नेताओं के बीच रिश्तों में सुधार का प्रतीक माना जा सकता है.
हमने इतने करीब से नहीं महसूस की शांति- US
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने आगे कहा, "हमें कभी भी शांति के इतने करीब महसूस नहीं हुआ जितना आज महसूस हो रहा है." ट्रम्प ने भी इस वार्ता को "बहुत अच्छा" बताया और कहा कि "हम शांति की दिशा में पूरी तरह से आगे बढ़ रहे हैं." यह उनके पहले के बयान से बहुत अलग था, जब ट्रम्प ने ज़ेलेन्स्की को "विश्व युद्ध तीसरे से खेलने" का आरोप लगाया था.
अब, यूक्रेन और रूस के बीच सीमित युद्धविराम पर और भी बात की जाने वाली है. यह चर्चा इस सप्ताह सऊदी अरब के जेद्दा में होने वाली है. ट्रम्प के विशेष दूत, स्टीव विटकोफ ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक होगी. वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने भी पुष्टि की है कि इस सप्ताह सऊदी अरब में तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
रूस ने रखी शर्तें
रूस की तरफ से कई शर्तें रखी गई हैं, जिनमें से एक प्रमुख शर्त यह है कि यूक्रेन को सैन्य सहायता बंद करनी होगी. लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने इस शर्त का विरोध किया है. ज़ेलेन्स्की ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी कीमत पर रूस द्वारा कब्जाए गए क्षेत्रों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह आंशिक युद्धविराम स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त कर पाएगा? दोनों देशों के बीच अभी कई मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं, और रूस की शर्तों को लेकर यूक्रेन का विरोध साफ तौर पर देखा जा रहा है. लेकिन इस समझौते से यह साफ होता है कि दोनों पक्षों में शांति की दिशा में कुछ समझौता करने की इच्छाशक्ति है.