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ट्रंप ने टैरिफ के बाद भारतीय नागरिकों को दिया एक और तगड़ा झटका, अब अमेरिका में नौकरी करना हुआ मुश्किल!

US New Visa Rules: वीजा बुलेटिन के मुताबिक, भारत के EB-5 Unreserved कैटेगरी के लिए फाइन एक्शन डेट को 6 महीने से भी ज्यादा पीछे खिसका दिया गया है. अब ये तारीख 1 मई 2019 कर दी गई है जो पहले 1 नवंबर 2019 थी.

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New Immigration Rules: अमेरिकी विदेश विभाग की मई 2025 वीजा बुलेटिन ने भारतीय नागरिकों को एक बड़ा झटका दिया है, खासकर उन लोगों को जो EB-5 वीजा (इन्वेस्टमेंट ग्रीन कार्ड प्रोग्राम) के तहत अमेरिका में स्थायी निवास की उम्मीद कर रहे थे. वीजा बुलेटिन के मुताबिक, भारत के EB-5 Unreserved कैटेगरी के लिए फाइन एक्शन डेट को 6 महीने से भी ज्यादा पीछे खिसका दिया गया है. अब ये तारीख 1 मई 2019 कर दी गई है जो पहले 1 नवंबर 2019 थी.

इसका मतलब है कि जिन भारतीय निवेशकों ने 1 मई 2019 से पहले आवेदन नहीं किया है, उन्हें अब लंबा इंतजार करना होगा. इस कटऑफ में बदलाव सिर्फ भारत के लिए हुआ है. चीन के EB-5 आवेदकों की तारीख अभी भी 22 जनवरी 2014 पर स्थिर है, जिससे भारतीयों में और भी निराशा है.

क्यों हुआ ऐसा?

बुलेटिन में कहा गया है कि यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि भारतीयों की ओर से भारी मांग थी और साथ ही दुनियाभर से भी आवेदनों में बढ़ोतरी हुई. इसे देखते हुए EB-5 वीजा की संख्या पर नियंत्रण रखने के लिए यह बदलाव जरूरी हो गया.

क्या है EB-5 वीजा?

EB-5 एक ऐसा वीजा प्रोग्राम है जिसमें निवेशकों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड मिलता है, यदि वे किसी व्यवसाय में न्यूनतम निवेश करें, खासकर ग्रामीण इलाकों, बेरोजगारी से प्रभावित क्षेत्रों या इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में. हालांकि इस प्रोग्राम में कुछ Reserved Slots होती हैं, लेकिन भारतीय आवेदक ज्यादातर Unreserved कैटेगरी में आते हैं, जिसकी वजह से वहां भीड़ ज्यादा हो गई है और तारीख पीछे खिसकी है.

इस बुलेटिन का अपडेट ऐसे समय आया है जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद, इमिग्रेशन फिर से केंद्र में आ गया है. उनकी सरकार ने America First नीति को फिर से जोरशोर से लागू करना शुरू किया है, जिसमें अब कानूनी इमिग्रेशन पर भी सख्ती देखने को मिल रही है – चाहे वो EB-5 हो या H-1B वीजा. 
 

India Daily