अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को फॉक्स न्यूज से एक इंटरव्यू में गाजा पट्टी के समाधान के लिए अपनी योजना पर विस्तार से बात की. ट्रंप ने कहा कि वह "बलात्कारी" नहीं हैं और अपनी योजना को किसी पर थोपने का इरादा नहीं रखते, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी योजना ही "सबसे अच्छा तरीका" है. उनका कहना था कि यह समाधान गाजा में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच बढ़ती तनाव की स्थिति को सुलझाने में सक्षम होगा.
ट्रंप की योजना: गाजा में एक "नया प्रारंभ"
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को बताया, "मैं आपको यह बताऊंगा कि इसे करने का तरीका मेरी योजना है. मुझे लगता है कि यह वही योजना है जो काम करेगी, लेकिन मैं इसे किसी पर थोपने की कोशिश नहीं कर रहा. मैं बस इसे सुझाऊँगा और फिर अमेरिका वहां की संपत्ति का मालिक बनेगा, हमास नहीं होगा. और वहां का विकास होगा, और आप एक नई शुरुआत करेंगे.
गाजा प्लान को जबरदस्ती नहीं करेंगे लागू- ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह अपनी योजना को न तो जबरदस्ती लागू करेंगे और न ही किसी पर दबाव डालेंगे. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका प्रस्ताव फिलिस्तीनियों को पूरी तरह से गाजा से विस्थापित करने और युद्ध-ग्रस्त क्षेत्र का पुनर्निर्माण करने का था.
अरब देशों का विरोध और ट्रंप का प्रतिक्रिया
मिस्र और जॉर्डन जैसे अरब देशों ने ट्रंप की इस योजना का विरोध किया, जिसके तहत फिलिस्तीनियों को पूरी तरह से विस्थापित कर दिया जाता. ट्रंप ने कहा कि यदि ये देश इस प्रस्ताव को नहीं मानते हैं, तो अमेरिका उन्हें विदेश सहायता देने पर पुनः विचार कर सकता है. हालांकि, बाद में जॉर्डन ने 2,000 बीमार बच्चों को स्वीकार करने पर सहमति जताई.
ट्रंप का इजराइल पर तंज और "खराब रियल एस्टेट डील" का आरोप
ट्रंप ने यह भी पूछा कि इजराइल ने 2005 में गाजा पट्टी से अपनी सेना और बस्तियों को क्यों हटा लिया था और फिर नियंत्रण को फिलिस्तीन प्राधिकरण को सौंप दिया था. उन्होंने इसे "खराब रियल एस्टेट डील" करार दिया. यह बयान इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री एरियल शेरोन के प्रति अप्रत्यक्ष रूप से था.
गाजा पुनर्निर्माण के बाद वापस लौटने का अधिकार नहीं
ट्रंप ने पहले के एक इंटरव्यू में कहा था कि गाजा के पुनर्निर्माण के बाद फिलिस्तीनियों को वापस लौटने का कोई अधिकार नहीं होगा. उन्होंने कहा, "नहीं, उन्हें वापस लौटने का अधिकार नहीं होगा क्योंकि उनके लिए बेहतर आवास बनाए जाएंगे. इसका मतलब है कि मैं उनके लिए स्थायी आवास बनाने की बात कर रहा हूँ, क्योंकि यदि उन्हें अब वापस लौटना होता है, तो इसके लिए सालों लग जाएंगे,