अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी प्रशासन की मिसाइल रक्षा योजना का नाम ‘आयरन डोम फॉर अमेरिका’ से बदलकर ‘गोल्डन डोम फॉर अमेरिका’ रख दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बदलाव ट्रेडमार्क विवादों के कारण किया गया, क्योंकि ‘आयरन डोम’ इजरायल की रक्षा कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स का रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है. वहीं,राफेल द्वारा इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के सहयोग से विकसित मूल आयरन डोम एक अत्यधिक प्रभावी वायु रक्षा प्रणाली है जो कम दूरी के रॉकेट को रोकती है.
ट्रंप की महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा पहल 27 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश के बाद शुरू हुई थी, जिसमें ‘आयरन डोम फॉर अमेरिका’ की बात की गई थी. इस परियोजना का मकसद एक बहुपरत सुरक्षा कवच तैयार करना है, जो अमेरिका को बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों से बचाने में सक्षम हो. यह प्रणाली इजरायल के आयरन डोम से प्रेरित है, लेकिन यह अमेरिका की रक्षा के लिए कहीं अधिक व्यापक और बेहतर होगी.
इस पहल का एक प्रमुख हिस्सा अंतरिक्ष-आधारित सेंसर और इंटरसेप्टर होंगे, जो वास्तविक समय में खतरे का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम होंगे. अमेरिकी अंतरिक्ष सेना ने इस प्रणाली के लिए एक तकनीकी टीम का गठन किया है, जो इसके वास्तुशिल्प पर विचार करेगी.
डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की नजरिए के अनुरूप है, जिन्होंने ‘स्टैटिजिक डिफेंस इनिशिएटिव’ (SDI) के तहत एक समान रक्षा प्रणाली का प्रस्ताव रखा था, जिसे ‘स्टार वार्स’ के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, उस समय तकनीकी सीमाओं के कारण यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई. अब, ट्रंप का दावा है कि आवश्यक तकनीकी प्रगति हो चुकी है, जिससे इस प्रणाली को लागू करना संभव हो सका है.
ट्रंप ने कहा, "मेरा ध्यान भविष्य की सबसे शक्तिशाली सैन्य प्रणाली बनाने पर है. पहले कदम के रूप में, मैं कांग्रेस से अनुरोध कर रहा हूं कि हमारे घरेलू सुरक्षा के लिए गोल्डन डोम मिसाइल रक्षा कवच को वित्तपोषित करें.
इस पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू अंतरिक्ष-आधारित सेंसरों पर निर्भरता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अंतरिक्ष बल एक मिसाइल-ट्रैकिंग उपग्रह नेटवर्क पर काम कर रहा है, जिसे गोल्डन डोम की संरचना में एकीकृत किया जाएगा. स्पेस डेवलपमेंट एजेंसी इस मकसद के लिए उपग्रहों का अधिग्रहण कर चुकी है.
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स इस क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाती है, जिससे यह सवाल उठते हैं कि क्या यह पहल मस्क के लिए वित्तीय लाभ का अवसर बन सकती है. आलोचकों का कहना है कि यह पहल मस्क के लिए एक और संघीय अनुबंध अवसर हो सकता है, जिससे उनकी कंपनी अमेरिकी रक्षा संचालन में और अधिक शामिल हो सकती है.
हालांकि ट्रंप इस पहल को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन कई एक्सपर्ट गोल्डन डोम पहल की व्यवहार्यता और लागत को लेकर संदेहास्पद हैं. आलोचकों का कहना है कि यह परियोजना अत्यधिक जटिल इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग करेगी, जिसमें सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला और उन्नत मिसाइल-ट्रैकिंग तकनीकी प्रणाली शामिल होगी. अंतरिक्ष-आधारित इंटरसेप्टर्स को तैनात करने और इस प्रणाली को बनाए रखने की वित्तीय लागत भी एक बड़ी चिंता बनी हुई है.