अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब से राष्ट्रपति चुने गए हैं. तब से लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं. इस बीच ग्रीस के समाचार पत्र डिमोक्राटिया के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीस के एलेक्ज़ेंड्रोपोली स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे को बंद करने का आदेश दिया है. हालांकि, इस रिपोर्ट की ग्रीक रक्षा अधिकारियों से अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन का यह कदम अमेरिकी सैन्य रणनीति में बदलाव की ओर इशारा कर सकता है, खासकर रूस के खिलाफ अमेरिका के दृष्टिकोण में नजरिए को देखते हुए.
US could close its military base in Alexandroupoli, Greece, which is used to supply Ukrainian army with weapons — Greek sources say
— RT (@RT_com) February 24, 2025
The small port town has been a 'vital' part of the logistical network for NATO's involvement in the Ukrainian conflict pic.twitter.com/h9TR9ijpJc
एलेक्ज़ेंड्रोपोली बेस और तुर्की की चिंताएं
एलेक्ज़ेंड्रोपोली में अमेरिकी सैन्य अड्डा अमेरिका और तुर्की के बीच तनाव का प्रमुख कारण रहा है. ऐसे में तुर्की के अधिकारियों ने कई बार आश्वस्त किया है कि इस क्षेत्र में अमेरिकी सेना की तैनाती तुर्की के खिलाफ नहीं है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन ने 2021 में कहा था, "पूरे ग्रीस को एक अमेरिकी सैन्य अड्डे में बदल दिया गया है," यह बयान उन्होंने ग्रीस के एलेक्ज़ेंड्रोपोली (डेदीआगैक) में स्थित अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों के संदर्भ में दिया था.
एलेक्ज़ेंड्रोपोली: ग्रीस का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह
एलेक्ज़ेंड्रोपोली ग्रीस का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है, जो एजियन सागर के किनारे स्थित है और तुर्की की सीमा के पास है. यह क्षेत्र ग्रीस के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्थित है. ट्रंप का यह निर्णय, जो अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को एलेक्ज़ेंड्रोपोली से हटाने का है, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के संयुक्त अनुरोध पर लिया गया है, ऐसा ग्रीक मीडिया द्वारा बताया जा रहा है.
एलेक्ज़ेंड्रोपोली सैन्य अड्डा: NATO के लिए महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक हब
एलेक्ज़ेंड्रोपोली का सैन्य अड्डा विशेष रूप से दक्षिण-पूर्वी यूरोप में यूएस और NATO की संचालन गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक हब रहा है. इसकी उपस्थिति लगातार विवादों का विषय रही है, खासकर तुर्की के लिए, जिसने इस क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य गतिविधियों का लगातार विरोध किया है.