पाकिस्तान पर 400 मिलियन डॉलर के ऋण की गड़बड़ी का आरोप,अमेरिका सतर्क

दुनिया के सामने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति किसी से छिपाए नहीं छुप रही. पाकिस्तान विश्व बैंक से प्राप्त 400 मिलियन डॉलर के ऋण में भी गड़बड़ी कर चुका है. इसकी पोल  पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने खोल दी है.

Social Media
Madhvi Tanwar

दुनिया के सामने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति किसी से छिपाए नहीं छुप रही. पाकिस्तान विश्व बैंक से प्राप्त 400 मिलियन डॉलर के ऋण में भी गड़बड़ी कर चुका है. इसकी पोल  पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने खोल दी है. इसमें उनके द्वारा किए गए दावों को अमेरिका ने स्वीकार कर लिया है. भुट्टो ने विश्व बैंक से प्राप्त 400 मिलियन डॉलर के ऋण और सहायता के लिए मिलने वाले पैसे में गड़बड़ी का आरोप लगाया. भुट्टों ने यह भी दावा किया था कि यह पैसा पाकिस्तान में बाढ़ बचाव कार्यों के लिए रखा गया था. 

बिलावर ने लगाया पैसा हड़पने का आरोप 

समाचार एजेंसी एरी न्यूज ने जानकारी देते हुए कहा कि, बिलावल भुट्टों जरदारी ने पाकिस्तान की केंद्र सरकार पर आरोप लगाया. जरदारी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए जो बजट रखा गया है उसका पैसे को हड़पा गया है. इसके साथ ही जरदारी ने यह भी कहा कि कई असंबंधित परियोजनाओं के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया गया है. 

बिलावर ने साफ शब्दों में इस नींदा करते हुए यह भी कहा कि बाढ़ पीड़तों 

बिलावल ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए आवाज उठाते हुए कहा कि बीते कुछ वर्षों में बाढ़ की वजह से बदतर हालात में पहुंचे लोगों ने एक घर तक मुहैया नहीं किया गया. इसके लिए बिलावर ने सरकार की कड़ी निंदा की. बिलावर ने इसके साथ ही एक मांग करते हुए कहा कि विश्व बैंक से प्राप्त सहायता राशी को पुनर्निर्देशित कार्यों में लगाया जाए. 

पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल का होता है पालन

आरोपों का जवाब देते हुए, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने 2 अक्टूबर को एक प्रेस ब्रीफिंग में इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान की स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। उन्होंने कहा, हम इस मामले को बहुत गंभीरता से लेते हैं, मैथ्यू मिलर ने यह भी कहां कि न केवल पाकिस्तान बल्कि कई अन्य देशों को अगर ऋण की जरूरत होती है तो हम आगे आएंगे. हम ऐसे क्षेत्रों का बिलकुल भी साथ नहीं देंगे जहां मानवीय हितों को दाव पर लगाया गया हो. मिलर के मुताबिक विदेश विभाग और यूएसएआईडी दोनों ही ज़रूरतमंद देशों को दी जाने वाली विदेशी सहायता के इस्तेमाल पर निगरानी रखते हैं. इसके साथ ही देश में मूल्यांकन के लिए लागू सख्त प्रोटोकॉल का भी पालन करते हैं. पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया जाता है।

शीर्ष 10 सबसे संवेदनशील देश में शामिल है पाकिस्तान

मैथ्यू मिलर ने कहा कि धन धन का दुरुपयोग व गलत तरीके से इसका इस्तेमाल हो रहा है, तो हम लोग मदद करना रोक देते हैं. मैथ्यू ने पाकिस्तान में बाढ़ राहत संसाधनों के दुरुपयोग पर संभावित चिंताओं का संकेत दिया. वर्तमान समय में पाकिस्तान एक बड़े जलवायु संकट का सामना कर रहा है। मौसम की मार झेल रहे पाकिस्तान में हीटवेव, चक्रवात, बाढ़ और ग्लेशियर पिघलने जैसी घटनाए लगातार हो रही है. इसी का नतीजा है कि साल 2022 में विनाशकारी बाढ़ आई थी. जलवायु परिवर्तम ने पाकिस्तान को शीर्ष 10 सबसे संवेदनशील देशों में शामिल कर दिया है. 

जलवायु परिवर्तन है जरूरी

बिलावल भुट्टो के आरोपों और अमेरिका द्वारा स्थिति को तुरंत स्वीकार करने से पाकिस्तान सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहायता, विशेष रूप से देश में मानवीय प्रयासों के लिए मिलने वाली मदद को संभालने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. , विश्व बैंक के मुताबिक जलवायु परिवर्तन से पाकिस्तान पर बड़ा असर देखने की उम्मीद जताई जा रही है, इससे कृषि उत्पादकता, जल उपलब्धता व चरम जलवायु घटनाओं की आवृत्ति में वृद्धि होगी। 

सहायता, अनुदान और ऋण प्राप्त करना पाकिस्तान के लिए कल की बात

क्योंकि जलवायु संकट से जुझ रहे पाकिस्तान की आर्थिक स्थित भी बेहद खराब हो चुकी है. इससे लोगों का जीवन भी खराब हो चुका है. पाकिस्तानी नागरिकों की आजीविका खतरे में है. धन के कुप्रबंधन के आरोपों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए मामला और भी गंभीर हो चुका है, क्योंकि इन आरोपों से विश्वास की कमी के कारण देश के लिए संगठनों और अन्य देशों से सहायता, अनुदान और ऋण प्राप्त करना पाकिस्तान के लिए 'कल की बात साबित हो सकता है'.