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India Daily

अमेरिकी अदालत का बड़ा फैसला: चीन को COVID-19 महामारी छिपाने के लिए 24 अरब डॉलर का हर्जाना देना होगा

अमेरिकी अदालत ने चीन को कोविड-19 महामारी छिपाने और पीपीई जमाखोरी के लिए 24 अरब डॉलर का हर्जाना देने का आदेश दिया है. मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एंड्रयू बेली ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है.

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Edited By: Anvi Shukla
us judge hold china accountable for covid 19
Courtesy: social media

US Judge Demands Billions From China: कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में 70 लाख से ज्यादा लोगों की जान ली है. यह इतिहास की पांचवीं सबसे घातक महामारी है. इस महामारी ने दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी भारी नुकसान पहुंचाया है. कई देशों में लॉकडाउन लगाना पड़ा, जिससे व्यापार और उद्योग धंधे ठप हो गए.

कोविड-19 वायरस, जो 2019 में चीन के वुहान शहर में पहली बार सामने आया था, ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई. इस वायरस से लाखों लोगों की जान गई और दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गईं. अब अमेरिका के मिसौरी राज्य के एक जज ने चीन को इस महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराया है. जज ने कहा है कि चीन ने जानबूझकर इस वायरस को छिपाया और सुरक्षा उपकरणों की जमाखोरी की.

अदालत का फैसला

मिसौरी के जज स्टीफन एन लिंबॉघ ने चीन को 24 अरब डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया है. मिसौरी राज्य ने 2020 में चीन सरकार और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पर मुकदमा दायर किया था. मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि चीन ने सुरक्षा उपकरणों के उत्पादन और व्यापार को रोककर महामारी को और बढ़ाया.

चीन पर यह भी आरोप है कि उसने अमेरिकी फैक्ट्रियों का राष्ट्रीयकरण किया और सुरक्षा उपकरणों की जमाखोरी की. जज लिंबॉघ ने कहा कि चीन ने एकाधिकार विरोधी कानूनों का उल्लंघन किया है, जिससे मिसौरी राज्य को भारी नुकसान हुआ है. मिसौरी ने सुरक्षा उपकरणों पर 122 मिलियन डॉलर से अधिक खर्च किए और टैक्स राजस्व में 8 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ.

चीन इस फैसले को स्वीकार नहीं करता है

मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एंड्रयू बेली ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि वे चीन से हर पैसा वसूल करेंगे. वहीं, वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि चीन इस फैसले को स्वीकार नहीं करता है. उन्होंने कहा कि अगर चीन के हितों को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो वे जवाबी कार्रवाई करेंगे.