US Iran Conflict: ईरान पर दबाव बढ़ाते हुए अमेरिका ने एक बार फिर उसकी तेल आपूर्ति श्रृंखला को निशाने पर लिया है. बुधवार को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने चीन की एक रिफाइनरी पर बड़ा प्रतिबंध लगा दिया है, जिस पर 1 अरब डॉलर से ज्यादा के ईरानी कच्चे तेल की खरीद का आरोप है.
आपको बता दें कि चीन के शांडोंग प्रांत की इस रिफाइनरी पर आरोप है कि उसने ईरान से कई बार कच्चा तेल मंगवाया, जिनमें कुछ खेपें ईरान के क्रांतिकारी गार्ड्स से जुड़ी एक नकली कंपनी के जरिये भेजी गई थीं. अधिकारियों का कहना है कि इन सौदों से होने वाली कमाई का इस्तेमाल ईरान सरकार और आतंकी संगठनों को मदद देने में होता है.
OFAC ने कई जहाजों और कंपनियों पर भी कसा शिकंजा
वहीं अमेरिका के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने इस रिफाइनरी के साथ-साथ अवैध तेल व्यापार में शामिल कई अन्य कंपनियों और जहाजों को भी प्रतिबंधित किया है. अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई ईरान के 'छाया बेड़े' को तोड़ने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो वैश्विक प्रतिबंधों की अनदेखी करते हुए तेल की तस्करी करता है.
अमेरिका की चेतावनी
बताते चले कि अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा, ''जो भी कंपनी, रिफाइनरी या ब्रोकर ईरानी तेल खरीदने या उसकी आपूर्ति श्रृंखला में मदद करेगा, वह खुद को गंभीर खतरे में डालेगा. हम ईरान की अवैध गतिविधियों को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.''
चीन ने जताया विरोध
हालांकि, वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने इन प्रतिबंधों की निंदा करते हुए कहा, ''इस तरह के एकतरफा प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन करते हैं और वैध चीनी कंपनियों के अधिकारों को चोट पहुंचाते हैं.''