UNSC Big Statement: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इसे 'कड़े शब्दों में निंदनीय' बताया है. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों ने एकजुट होकर इस आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों, आयोजकों, फंडिंग करने वालों और इसे समर्थन देने वालों को हर हाल में न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.
दोषियों को सजा दिलाने पर दिया जोर
बता दें कि UNSC की तरफ से जारी प्रेस स्टेटमेंट में साफ तौर पर कहा गया, 'सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, फाइनेंसर्स और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया.' वहीं सुरक्षा परिषद ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत सभी देशों से इस प्रक्रिया में सहयोग की अपील की.
फ्रांस की अध्यक्षता में जारी हुआ प्रेस स्टेटमेंट
वहीं फ्रांस, जो अप्रैल महीने के लिए UNSC का अध्यक्ष है, उसके स्थायी प्रतिनिधि जेरोम बोनाफोंट ने यह स्टेटमेंट जारी किया. माना जा रहा है कि अमेरिका ने इस मसौदा वक्तव्य को तैयार किया था, जिस पर सभी सदस्य देशों ने चर्चा के बाद सहमति जताई.
UNSC ने जताई पीड़ितों के प्रति संवेदना
इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले में मारे गए सभी पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई है. बयान में भारत और नेपाल सरकार के प्रति भी सहानुभूति प्रकट की गई. हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की जान गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.
आतंकवाद के खिलाफ फिर दोहराई कमिटमेंट
साथ ही UNSC ने दोहराया कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो, वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. उन्होंने कहा, ''आतंकवाद का कोई भी कृत्य आपराधिक और अनुचित है, चाहे उसका मकसद कुछ भी हो और वह कहीं भी, किसी के द्वारा भी अंजाम दिया गया हो.''
इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने भी इस हमले की निंदा की और कहा, ''हम स्थिति पर बेहद करीब से नजर रख रहे हैं.'' उन्होंने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी हालत में हालात और न बिगड़ें.