अज्ञात वायरस से तड़प-तड़प कर मरे 50 लोग, चपटे में आते ही तोड़ रहे हैं दम, डराने वाली है वजह
बिकोरो अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सर्ज नगालेबाटो ने बताया कि ज्यादातर मामलों में लक्षणों की शुरुआत और मौत के बीच का अंतराल महज 48 घंटे रहा है, जोकि वास्तव में काफी चिंताजनक है.
दक्षिण अफ्रीका के कांगो देश में इन दिनों एक और वायरस का आतंक फैलता नजर आ रहा है. दरअसल, सोमवार (24 फरवरी) को विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्थानीय डॉक्टरों के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी कांगो में एक अज्ञात बीमारी ने 50 से अधिक लोगों की जान ले ली है. ऐसे में बिकोरो अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सर्ज नगालेबाटो ने बताया कि ज्यादातर मामलों में लक्षणों की शुरुआत और मौत के बीच का अंतराल महज 48 घंटे रहा है, जोकि वास्तव में काफी चिंताजनक है.
एसोसिएट प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इस नए वायरस का प्रकोप 21 जनवरी को शुरू हुआ, और 53 मौतों सहित 419 मामले दर्ज किए गए हैं. इस दौरान WHO के अफ्रीका ऑफिस के अनुसार, बोलोको शहर में पहला प्रकोप तब शुरू हुआ जब तीन बच्चों ने चमगादड़ खाया और रक्तस्रावी बुखार के लक्षणों के बाद 48 घंटे के भीतर उनकी मौत हो गई.
अफ्रीका में इस वायरस की संख्या में 60% से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई
लंबे समय से इस बात की चिंता रही है कि ऐसी जगहों पर जानवरों से इंसानों में बीमारियां फैल सकती हैं. जहां जंगली जानवरों को आम तौर पर खाया जाता है. WHO ने 2022 में कहा कि पिछले दशक में अफ्रीका में इस तरह के प्रकोपों की संख्या में 60% से अधिक की वृद्धि हुई है. WHO ने कहा कि 9 फरवरी को बोमेटे शहर में मौजूदा रहस्यमयी बीमारी का दूसरा प्रकोप शुरू होने के बाद, 13 मामलों के नमूने परीक्षण के लिए कांगो की राजधानी किंशासा में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल रिसर्च को भेजे गए हैं.
सभी सैंपल पाए गए निगेटिव
फिलहाल, सभी नमूने इबोला या मारबर्ग जैसी अन्य सामान्य रक्तस्रावी बुखार बीमारियों के लिए निगेटिव पाए गए हैं. हालांकि, कुछ में मलेरिया के लिए पॉजिटिव टेस्ट किया गया है. बता दें कि, पिछले साल, कांगो के दूसरे हिस्से में दर्जनों लोगों की जान लेने वाली एक और रहस्यमयी फ्लू जैसी बीमारी को संभावित मलेरिया माना गया था.