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मोस्ट वांटेड आतंकी को मिली हज करने की छूट, क्या वजह जानना नहीं चाहेंगे आप? 

UN Lifts Ban On Taliban Leaders: तालिबान शासन की अफगान सत्ता में वापसी के बाद हक्कानी नेटवर्क और मजबूत हुआ है. इस समूह के चार सदस्य तालिबानी कैबिनेट में शामिल हैं. इन चारों नेताओं पर संयुक्त राष्ट्र ने बड़ा फैसला किया है.

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Edited By: India Daily Live
Un Haqqani
Courtesy: Social Media

UN Lifts Ban On Taliban Leaders: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के चीफ सिराजुद्दीन हक्कानी, खुफिया महानिदेशक मावलवी अब्दुल हक वासिक ने हाल ही में यूएई की यात्रा की है. इनके साथ अब्दुल कबीर मोहम्मद जान और नूर मोहम्मद साकिब भी यूएई पहुंचे. इन लोगों ने वहां पहुंचर यूएई के प्रेसिडेंट से भी मुलाकात की. खास बात यह है कि यह चारों तालिबानी नेता संयुक्त राष्ट्र की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल हैं. हक्कानी के ऊपर तो दस लाख डॉलर का इनाम भी है. इन चारों नेताओं को यूएन से बड़ी राहत मिली है.  यूएन ने इन्हें  इस्लाम की धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने और हज यात्रा करने के लिए छूट दी  है. 

कर सकेंगे हज यात्रा 

यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की प्रतिबंध कमेटी ने हज यात्रा में भाग लेने की चाहत रखने वाले तालिबानी नेताओं से यह प्रतिबंध हटा दिया है. सुरक्षा परिषद ने अपने बयान में कहा कि तालिबान के चारों नेताओं को यात्रा प्रतिबंध से राहत प्रदान की जाती है. इन चारों नेताओं को सऊदी अरब में हज यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई है. इन्हें यह छूट पांच जून को प्रदान की गई है. 

यूएई के प्रेसिडेंट से मुलाकात 

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने तालिबान के आंतरिक मंत्री के साथ अन्य नेताओं की यूएई यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि मेजबान देशों को उनके ऊपर लगे यात्रा प्रतिबंधों पर ध्यान देना चाहिए. आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी और खुफिया मामलों के प्रमुख अब्दुल हक वासीक ने यूएन से यात्रा छूट मिलने के एक दिन पहले ही यूएई की यात्रा की थी. इस दौरान तालिबानी नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहियान के साथ वार्ता की थी. 


राष्ट्रपति की हत्या की साजिश 

सिरादजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक कुख्यात आतंकियों की लिस्ट में है. अमेरिका इसे अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. साल 2008 में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश में सिराजुद्दीन का ही नाम सामने आया था. इस पर काबुल में एक होटल पर बम हमले का भी आरोप है. इस हमले में छह लोग मारे गए थे, जिसमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे. हक्कानी ग्रुप मुख्य रूप से उत्तरी वजीरिस्तान, पाकिस्तान इलाके में स्थित है. इसके पास 3000 से लेकर 10000 लड़ाके हैं.