इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट से सदमे में Ukraine, युद्ध में जान फूंकने के लिए Nato कर रहा ये तैयारी
NATO Military Fund For Ukraine: रूस से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन को नाटो सैन्य सहायता देने की तैयारी कर रहा है. उधर यूक्रेन के मिलिट्री इंटेलिजेंस के ऑफिसर द्वारा ब्रिटिश अखबार को दिए इंटरव्यू में ऐसी बात का जिक्र कर दिया है जिससे यूक्रेन सदमे में है.
NATO Military Fund For Ukraine: द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार कीव के पास रूस की तेल वाली जगहों पर आक्रमण करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. क्योंकि युद्ध भूमि में उसकी आर्मी कमजोर होती नजर आ रही है. यूक्रेन की मिलिट्री इंटेलिजेंस GUR के ऑफिसर ने ब्रिटिश न्यूजपेपर के जर्नलिस्ट ल्यूक हार्डिंग से बात करते हुए निराश होकर कहा कि उनका देश उस मरीज की तरह है जिसे लाइफ सपोर्ट मिला हुआ है.
मिलिट्री इंटेलिजेंस GUR के डिप्टी हेड मेजर जनरल वादिम स्किबित्स्की ने यूक्रेन की घटती आर्मी संख्याबल की ओर इशारा करते हुए कहा कहा है कि हम एक ड्रिप से जुड़े हुए हैं. जिंदा रहने के लिए हमारे पास पर्याप्त दवाएं हैं. लेकिन, अगर पश्चिम चाहता है कि हम रूस से युद्ध जीते, तो हमें पूर्ण उपचार की आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में युद्ध जीतना असंभव है. इसी कारण एजेंसी के पास रूस के अंदर घुसकर उनके सैन्य और तेल ठिकानों पर हमला करने के अलावा और कोई चारा नहीं है.
एक ओर यूक्रेनी मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी के बयान से यूक्रेन के खेमे में मायूसी छाई हुई तो दूसरी ओर उसकी मायूसी को दूर करने के लिए नाटो बहुत बड़ा प्लान तैयार कर रहा है. बुधवार को हुई नाटो की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि किस तरह से यूक्रेन को सैन्य सहायता मुहैया कराई जाए और अगले पांच सालों के लिए किस तरह से कीव मिलिट्री को 100 बिलियन यूरो (लगभग 108 बिलियन डॉलर) की मदद मुहैया कराई जाए.
नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग के इस प्रस्ताव से पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियारों, गोला-बारूद और उपकरणों की आपूर्ति में प्रत्यक्ष भूमिका निभाएंगे.
ब्रसेल्स में हुई नाटो की बैठक में सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि हमें यूक्रेन को सहायता देने की अपनी गतिशीलता में बदलाव लाना होगा. हमें कीव की सुरक्षा के लिए विश्वसनीय और अनुमानित सुरक्षा सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए
यूक्रेन को दी जाने वाली फंडिंग को लेकर उन्होंने कहा कि अभी हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते. जुलाई में नाटो देशों के नेताओं के शिखर सम्मेलन में इसका निर्णय लिया जाएगा.