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जेलेंस्की को भारी पड़ेगी ट्रंप के साथ खनिज डील, अनिश्चितकाल के लिए अमेरिका का गुलाम हो सकता है यूक्रेन

लीक हुए दस्तावेजों के अनुसार, इस समझौते में यूक्रेन के खनिज संसाधनों, तेल, गैस, बंदरगाहों, रेलवे और सड़कों पर अमेरिका का नियंत्रण होगा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Ukraine could become a slave of America indefinitely due to mineral deal

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन के साथ एक नए आर्थिक समझौते (खनिज डील) की घोषणा की है, जिसके तहत अमेरिका को यूक्रेन के बुनियादी ढांचे और प्राकृतिक संसाधनों पर अनिश्चितकालीन नियंत्रण मिलेगा. इस समझौते ने वैश्विक स्तर पर चर्चा छेड़ दी है, क्योंकि यह यूक्रेन की संप्रभुता पर सवाल खड़े करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता यूक्रेन को अमेरिका का आर्थिक उपनिवेश बना सकता है.

समझौते की मुख्य शर्तें

लीक हुए दस्तावेजों के अनुसार, इस समझौते में यूक्रेन के खनिज संसाधनों, तेल, गैस, बंदरगाहों, रेलवे और सड़कों पर अमेरिका का नियंत्रण होगा. जब तक यूक्रेन 100 अरब डॉलर का युद्ध कर्ज 4 प्रतिशत ब्याज के साथ नहीं चुका देता, तब तक अमेरिका को इन संपत्तियों से होने वाली पूरी रॉयल्टी मिलेगी. कर्ज चुकाने के बाद भी यूक्रेन को केवल 50 प्रतिशत रॉयल्टी ही मिलेगी. इसके बदले, यूक्रेन को रूस के हमलों से सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दी गई है. एक सूत्र ने टेलीग्राफ को बताया, "इस खंड का अर्थ है, पहले हमें भुगतान करें, फिर अपने बच्चों को खिलाएं."

यूक्रेन की मजबूरी
यूक्रेन, जो रूस के साथ चल रहे युद्ध से जूझ रहा है, अमेरिकी सहायता पर निर्भर है. राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पहले इस समझौते पर हस्ताक्षर करने की सहमति दी थी, लेकिन नई शर्तों ने कीव में हड़कंप मचा दिया है. ट्रम्प ने कहा, "अमेरिका ने यूक्रेन पर टैक्सपेयर्स के अरबों डॉलर खर्च किए हैं, अब ऐसा नहीं होगा." इस समझौते के तहत, अमेरिका को यूक्रेन के संसाधनों के दोहन और पुनर्निर्माण परियोजनाओं में पहला अधिकार मिलेगा.

वैश्विक प्रतिक्रिया
यह समझौता अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विवाद का विषय बन गया है. कई देशों ने इसे यूक्रेन की संप्रभुता पर हमला करार दिया है. इस बीच, ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि यह कदम अमेरिका के हितों को सुरक्षित करने के लिए जरूरी है.