तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो रूस ब्रिटेन पर परमाणु हमला कर मचा सकता है तबाही, जानें क्या है इसकी पीछे की वजह?

हालांकि वर्तमान में परमाणु युद्ध का खतरा सीधे तौर पर महसूस नहीं हो रहा है, लेकिन ब्रिटेन की तैयारियां और वैश्विक परिस्थितियां इस खतरे को लगातार बढ़ा रही हैं। सरकारी स्तर पर की जा रही रणनीतियां और कदम इस बात का प्रमाण हैं कि आने वाले समय में यह खतरा कभी भी सामने आ सकता है.

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हाल ही में, वैज्ञानिकों ने दुनिया के अंत की घड़ी को एक सेकंड और करीब कर दिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि अब दुनिया केवल 89 काल्पनिक सेकंड दूर है. इसके पीछे मुख्य कारणों में से एक परमाणु युद्ध का खतरा है, हालांकि यह खतरा अभी भी काफी दूर प्रतीत होता है. दरअसल, कोरोना महामारी की तैयारियों की तरह, पश्चिमी देशों ने भी अपने बड़े शहरों पर परमाणु हमलों से निपटने के लिए आपातकालीन योजनाएं तैयार की हैं, और ब्रिटेन भी इससे अलग नहीं है.

परमाणु हमले की संभावना और इसके प्रभाव

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कई विश्लेषकों ने यह चिंता जताई थी कि यह तीसरे विश्व युद्ध की दिशा में पहला बड़ा कदम हो सकता है. डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन से जुड़े वर्तमान चर्चाओं ने इस संघर्ष को और भी जटिल बना दिया है. ट्रंप ने ग्रीनलैंड और कनाडा जैसे नाटो देशों को अपने कब्जे में लेने की बात कही है, जो एक सैन्य प्रतिक्रिया को उकसा सकता है.

न्यूक मैप का प्रभाव और संभावित नुकसान

अगर रूस अपने परमाणु हथियारों में से एक को ब्रिटेन पर दागे, तो इसके परिणाम क्या हो सकते हैं? न्यूक्लिर सेक्रेसी द्वारा विकसित "Nuke Map" टूल यह अनुमान लगाने में मदद करता है कि एक परमाणु विस्फोट से क्या नुकसान हो सकता है. यह टूल, जो स्टीवन्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक और परमाणु विशेषज्ञ एलेक्स वेलरस्टीन द्वारा विकसित किया गया है. इसके मुताबिक, ब्रिटेन की राजधानी लंदन में "Topol SS-25" जैसा 800 मेगाटन परमाणु हथियार गिरने पर कितना व्यापक विनाश हो सकता है.

लंदन के वेस्टमिन्स्टर में एक 2.97 किमी² का क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. Nuke Map के अनुसार, "न्युक्लियर फायरबॉल का अधिकतम आकार; जमीन पर होने वाले नुकसान की गंभीरता विस्फोट की ऊंचाई पर निर्भर करती है. यदि यह जमीन से टकराता है, तो रेडियोधर्मी गिरावट की मात्रा में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी होती है. जो कुछ भी फायरबॉल के अंदर है, वह पूरी तरह से भाप में बदल जाता है. वेस्टमिंस्टर, सेंट जेम्स पैलेस और लंदन आई जैसे प्रमुख स्थल इस क्षेत्र में शामिल होंगे.

इसके अलावा, विस्फोट से 134 किमी² के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण नुकसान होगा. इस क्षेत्र में आवासीय भवनों का ढहना, घातक चोटों और आग लगने की संभावना बहुत अधिक होगी.

ब्रिटिश सरकार ने का अपने नागरिकों को संदेश

ब्रिटिश सरकार ने अपने नागरिकों को आश्वस्त किया है कि उनका परमाणु प्रतिरोधक प्रणाली इन खतरों को रोकने के लिए मौजूद है. ऐसे में ब्रिटेन सरकार के अनुसार: "ब्रिटेन का स्वतंत्र परमाणु प्रतिरोधक 60 सालों से अस्तित्व में है, जो हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा और जीवनशैली को बनाए रखने में मदद करता है. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि "परमाणु युद्ध का खतरा अभी भी दूर है, लेकिन जो खतरे मौजूद हैं, वे बढ़ रहे हैं और अधिक जटिल हो गए हैं.

ब्रिटेन ने परमाणु निरस्त्रीकरण पर एक स्थिर नजरिया अपनाया है, लेकिन कई देश अब अपने परमाणु हथियारों को बढ़ा और विविधित कर रहे हैं. ऐसे में, ब्रिटेन की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों और नाटो सहयोगियों को सुरक्षित रखने के लिए अपने परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखे.