Uber Swastika Case: कैब सेवा देने वाली कंपनी उबर अपनी गलती को लेकर इस समय चर्चा में है. कंपनी ने एक भारतीय यूजर को उसके संस्कृत नाम की वजह से अपनी सेवाएं देने से मना कर दिया. साथ ही उसके अकाउंट को भी बैन कर दिया. हालांकि अब उबर को अब अपनी गलती का एहसास हो गया है और उसने महिला से माफी मांग ली है.
रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला ऑस्ट्रेलिया का है. यहां रहने वाली भारतीय मूल की महिला जिनका नाम है स्वास्तिक चंद्रा को उबर ने प्रतिबंधित कर दिया था. उबर ने दलील दी थी कि महिला ने कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया है. उबर ने महिला के नाम को आपत्तिजनक समझ लिया था. महिला ने बताया कि जब वह उबर ईट्स से कुछ ऑर्डर कर रही थी तब ऐसा हुआ. मैंने जैसे ही अपना नाम डाला मुझे एक नोटिफिकेशन मिला उस पर लिखा था आपने कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया है.
भारतीय महिला के नाम में स्वास्तिक आ रहा था. उबर ने उसे नाजीवाद से जुड़ा मान लिया था. कई कंपनियां आपत्तिजनत शब्दों के इस्तेमाल को लेकर कड़े नियम बनाती हैं. कंपनियां खासतौर पर नाजीवाद और कट्टरवाद को लेकर सख्त रहती हैं. कंपनी ने महिला का नाम नाजीवाद से जोड़कर देख लिया इस वजह से यह घटना घटी. जर्मनी का तानाशाह एडोल्फ हिटलर स्वास्तिक निशान का उपयोग करता था. इस वजह से कई देशों में स्वास्तिक का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. हालांकि हिंदू और जैन धर्म में इस चिन्ह को काफी पवित्र माना जाता है और इसे सौभाग्य से जोड़ा जाता है.
उबर ने महिला को नाम बदलने के लिए कहा तो उसने ऐसा करने से मना कर दिया.महिला ने कंपनी को स्वास्तिक के महत्व के बारे में कंपनी को बताया तब जाकर कंपनी को अपनी गलती का एहसास हुआ और महिला से माफी मांगी. कंपनी ने स्वास्तिक के अकाउंट को बहाल कर दिया है और पांच महीने बाद माफी मांग ली है.