Sheikh Mohammed BinZayed: रमजान से पहले यूएई ने बड़ा मानवता का संदेश दिया और 500 से अधिक भारतीय नागरिकों समेत 1,518 कैदियों को क्षमादान देकर रिहा करने का आदेश जारी किया. यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 1,295 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया, जबकि प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने 1,518 कैदियों को माफी दी.
बता दें कि यूएई सरकार का यह कदम न्याय और करुणा का प्रतीक है, जो खासकर रमजान की भावना के अनुरूप लिया गया है. हर साल रमजान के दौरान कैदियों को रिहा करने की यह परंपरा न केवल मानवीय मूल्यों को दर्शाती है बल्कि यूएई और भारत के मजबूत राजनयिक संबंधों को भी दर्शाती है.
कानूनी प्रक्रियाएं शुरू, रिहाई का इंतजार
वहीं दुबई के अटॉर्नी जनरल एसाम इस्सा अल-हुमैदान ने बताया कि, ''इस फैसले से उन लोगों को जीवन में एक नई शुरुआत मिलेगी, जिन्होंने अपनी सजा काट ली है.'' यूएई सरकार ने दुबई पुलिस के साथ मिलकर रिहाई से जुड़ी कानूनी प्रक्रियाओं को तेज कर दिया है, ताकि कैदी जल्द ही अपने परिवारों के पास लौट सकें और समाज में दोबारा अपनी जगह बना सकें.
रिहा हुए कैदियों के कर्ज भी चुकाएगी सरकार
इसके अलावा, शेख मोहम्मद बिन जायद की सरकार ने रिहा किए गए कैदियों के वित्तीय दायित्वों को भी पूरा करने का वादा किया है, ताकि वे बिना किसी आर्थिक बोझ के नई जिंदगी शुरू कर सकें.
रमजान के मौके पर हर साल दी जाती है माफी
बहरहाल, यूएई में हर साल रमजान के दौरान कैदियों को माफी देने की परंपरा चली आ रही है. यह फैसला न केवल क्षमा और पुनर्वास को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक स्थिरता को भी मजबूत करता है.