USA Tariff Policy: अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर जहां आयात शुल्क 125% तक बढ़ा दिए, वहीं 75 से अधिक अन्य देशों पर टैरिफ को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया. इस फैसले ने दुनियाभर के बाजारों को चौंका दिया, हालांकि इससे अमेरिकी शेयर मार्केट में थोड़ी राहत जरूर आई.
शी जिनपिंग की तारीफ और रणनीतिक दांव
ट्रंप ने एक ओर तो चीन के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त आर्थिक कार्रवाई की, वहीं दूसरी ओर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, ''शी एक चतुर व्यक्ति हैं, और हम एक बहुत अच्छा सौदा करेंगे.'' उन्होंने आगे कहा, ''शी जानते हैं कि क्या करना है. उन्हें अपने देश से प्यार है.''
75 देशों को टैरिफ में छूट, चीन को कड़ा संदेश
ट्रंप ने बताया कि जिन देशों ने अमेरिका की टैरिफ नीति का विरोध नहीं किया, उन्हें 90 दिनों के लिए राहत दी गई है. ट्रंप ने बताया, ''मैंने उन लोगों के लिए 90 दिन का विराम दिया जिन्होंने जवाबी कार्रवाई नहीं की, क्योंकि मैंने पहले ही कह दिया था, अगर आप जवाब देंगे, तो हम दोगुना करेंगे और यही चीन के साथ किया.''
व्हाइट हाउस का सीधा संदेश
व्हाइट हाउस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ''जवाबी कार्रवाई न करें और आपको पुरस्कृत किया जाएगा.'' यही ट्रंप की नई रणनीति है, 'जो साथ दे, उसे छूट, जो टकराए, उसे सजा.'
स्कॉट बेसेन्ट का समर्थन
बताते चले कि ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने भी ट्रंप की रणनीति को 'सुनियोजित कदम' बताया और कहा, ''हम उन देशों के लिए टैरिफ घटाकर 10% करेंगे जिन्होंने जवाबी कार्रवाई नहीं की, लेकिन चीन पर यह 125% रहेगा.''
चीन का पलटवार - 84% टैरिफ और WTO शिकायत
हालांकि चीन ने भी जवाबी हमला तेज कर दिया है. उसने अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ को 84% तक बढ़ा दिया, 12 अमेरिकी कंपनियों को एक्सपोर्ट कंट्रोल लिस्ट में डाला और WTO में अमेरिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी.