India Turkey Relation: तुर्किए और भारत संबंध अब बहुत ख़राब स्थिति में पहुँच गए हैं. तुर्की सरकार ने दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातकों में से एक भारत को सैन्य उपकरण निर्यात करने पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिया है. यह कदम नई दिल्ली द्वारा भारतीय शिपयार्ड में जहाज निर्माण परियोजना में शामिल तुर्की की एक फर्म के साथ अनुबंध रद्द करने के कुछ महीने बाद उठाया गया है. तुर्की सरकार ने इस बारे में कोई बड़ी घोषणा नहीं की है बल्कि यह निर्णय तुर्की संसद में बंद कमरे में हुई बैठक में लिया गया है.
10 जुलाई 2024 को विदेश मामलों की समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार, तुर्की की शीर्ष हथियार खरीद संस्था, रक्षा उद्योग एजेंसी (SSB) के उपाध्यक्ष मुस्तफा मूरत शेकर ने अनजाने में भारत के संबंध में सरकार की गुप्त नीति का खुलासा कर दिया. इस साल अप्रैल माह में नई दिल्ली ने भारत में जहाज निर्माण परियोजना में शामिल एक तुर्की फर्म के साथ अनुबंध रद्द कर दिया था.
भारत की हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) ने भारतीय नौसेना के लिए पांच सहायक जहाजों के बेड़े के निर्माण के लिए तुर्की की फर्मों के साथ सभी समझौतों को समाप्त कर दिया और खुद ही निर्माण कार्य आगे बढ़ाने का निर्णय लिया. इस परियोजना की अनुमानित लागत 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच है.
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि इसमें हैरानी जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि दोनों ही देश भू-राजनीतिक मोर्चे पर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आते हैं. तुर्किए पाकिस्तान का करीबी देश है वह लगातार भारत विरोधी बयान देता है.इस कारण भारत ने भी तुर्किए के खिलाफ जाने का फैसला किया है. भारत भी लगातार तुर्किए के दुश्मन देश ग्रीस से जुडे़ विवाद को बार-बार उठाता रहता है. भारत और तुर्की के बीच संबंधों में खटास इसलिए आ रही है क्योंकि तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से खुद को अलग करने से इंकार कर दिया है. जम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ा है.
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी ओर भारत ने भी तुर्किए के खिलाफ जाते हुए आर्मेनिया, साइप्रस और ग्रीस के नेताओं के साथ मिलकर काम किया है. ये तीनों ही देश तुर्किए के साथ कई विवादों में उलझे हुए हैं. साल 2019 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुर्की और सऊदी अरब का दौरा करना था लेकिन अंत समय में तुर्की की यात्रा रद्द कर दी गई और प्रधानमंत्री ने केवल सऊदी अरब का दौरा किया. इससे भारत ने तुर्किये को अपनी कूटनीतिक प्राथमिकताओं के बारे में उसे स्पष्ट संदेश दे दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत पर प्रतिबंध लगाने के बाद खबर सामने आई है कि अंकारा 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट KAAN के विकास में आधिकारिक साझेदार बनाने के लिए इस्लामाबाद के साथ बातचीत कर रहा है. हालांकि पाक इसमें कब तक शामिल होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है. तुर्किए ने संकेत दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले पर पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करेगा. आर्मेनिया और अजरबैजान के संघर्ष में तुर्किए और पाक ने अजरबैजान का साथ दिया है. वहीं, भारत ने आर्मेनिया को हथियार देकर जवाब दिया है.