दोनों अधिकारियों की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब गाजा पट्टी पर अधिकार स्थापित करने और फलस्तीनी निवासियों को वहां से बाहर निकालकर स्थायी रूप से कहीं और बसाने के ट्रंप के प्रस्ताव का अमेरिका के सहयोगी देशों के साथ रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने भी विरोध किया है.
अमेरिकी विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया:
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो और व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप ने केवल युद्ध प्रभावित गाजा पट्टी का पुनर्विकास सुनिश्चित करने के लिए लगभग 18 लाख गाजा वासियों को अस्थायी रूप से कहीं और स्थानांतरित करने का सुझाव दिया.
फलस्तीनियों की चिंता:
फलस्तीनियों ने ट्रंप के इस प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है. उन्हें डर है कि अगर वह गाजा पट्टी से कहीं और जाने को तैयार हुए, तो उन्हें कभी वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अरब देशों का विरोध:
ट्रंप ने जिन अरब देशों से गाजा में रहने वाले फलस्तीनियों को अपने यहां बसाने का अनुरोध किया है, उन्होंने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया है.
ट्रंप के प्रस्ताव का मकसद:
बतौर विदेश मंत्री अपनी पहली विदेश यात्रा पर ग्वाटेमाला सिटी पहुंचे रूबियो ने ट्रंप के प्रस्ताव को “बहुत उदार” प्रस्ताव बताया, जिसका मकसद इजराइल और हमास के बीच लगभग 15 महीने पहले शुरू हुए युद्ध से तबाह गाजा पट्टी से मलबा हटाना और उसका पुनर्विकास सुनिश्चित करना है.
गाजा पट्टी की स्थिति:
वाशिंगटन में अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में लेविट ने कहा कि गाजा “एक विध्वंस स्थल” में तब्दील हो गया है और वहां बड़े पैमाने पर मची तबाही का मंजर किसी से छिपा नहीं है.
ट्रंप का बयान:
ट्रम्प ने मंगलवार को कहा था, “अमेरिका गाजा पट्टी पर स्वामित्व स्थापित करेगा. हम इस क्षेत्र के स्वामी होंगे और वहां सभी खतरनाक हथियारों एवं बम को नष्ट करने के साथ ही क्षतिग्रस्त इमारतों के मलबे को हटाने तथा आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे, जो असीमित संख्या में नौकरियां उपलब्ध कराएगा.”
(इस खबर को इंडिया डेली लाइव की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)