menu-icon
India Daily

ट्रंप ने व्यापारिक साझेदारों पर व्यापक पारस्परिक शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापारिक साझेदारों से आयात पर व्यापक पारस्परिक शुल्क लगाने वाले आदेश पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किए. इसके तहत अमेरिका किसी देश से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर वही शुल्क लगाएगा, जो ये देश अमेरिका से आयात किए जाने वाले सामान पर लगाते हैं.

auth-image
Edited By: Anvi Shukla
donald trump
Courtesy: pinterest

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अपने बिज़नेस पार्टनर्स पर कम्प्रेहैन्सिव रेसिप्रोकाल फी लगाने के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर साइन किए हैं. इस कदम को व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जो अमेरिका की ग्लोबल बिज़नेस स्ट्रेटेजी को नया दिशा दे सकता है. 

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका की व्यापार नीति में कई बड़े बदलाव किए थे. उनका मानना था कि अमेरिका को अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए दुनिया भर के देशों से उचित ट्रेडिंग शर्तों पर डील्स करने चाहिए. ट्रंप ने हमेशा यह बयान दिया कि अमेरिका को व्यापार में अपने हितों का सब से अधिक प्रोटेक्शन करना चाहिए और इसलिए उन्होंने कई देशों के साथ पारस्परिक शुल्क लगाने का समर्थन किया.

इस प्रस्ताव का मकसद क्या है और इसका क्या असर पड़ेगा?

ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने के इस प्रस्ताव का उद्देश्य अमेरिका के व्यापार साझेदारों के साथ संतुलित व्यापार संबंध सुनिश्चित करना है. इस कदम से ट्रंप की सरकार यह चाहती थी कि अमेरिका के उत्पादों पर अन्य देशों द्वारा लगाए गए शुल्कों का उचित प्रतिकार किया जाए, ताकि अमेरिकी व्यापारियों को विदेशी बाजारों में समान अवसर मिल सकें. 

यह प्रस्ताव खासतौर पर उन देशों पर केंद्रित है जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ रहा है. ट्रंप प्रशासन का मानना था कि इस कदम से अमेरिका की व्यापारिक स्थिति में सुधार हो सकता है और व्यापारिक असंतुलन को कम किया जा सकता है.

ट्रंप का संदेश:

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, "हम अपने व्यापारिक साझेदारों से अनुचित शर्तों पर व्यापार नहीं करेंगे. यह प्रस्ताव अमेरिकी व्यवसायों को अपनी प्रतियोगिता में बेहतर बनाने और उनके उत्पादों की सुरक्षा करने का एक तरीका है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिका को अपने व्यापारिक अधिकारों का पूरा सम्मान मिले."

ग्लोबल फीडबैक:

ट्रंप के इस प्रस्ताव पर वैश्विक व्यापारिक समुदाय की विभिन्न प्रतिक्रियाएं आईं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से अमेरिका को थोड़ी अवधि के लिए लाभ हो सकता है, लेकिन दीर्घकालिक प्रभाव के रूप में यह वैश्विक व्यापार युद्ध का कारण भी बन सकता है. वहीं, कुछ अन्य देशों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों के खिलाफ जा सकता है और इसके कारण व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है.

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए जाने से यह स्पष्ट हो जाता है कि अमेरिका की व्यापारिक रणनीति अब और भी अधिक आक्रामक हो सकती है. यह कदम भविष्य में वैश्विक व्यापार नीति को प्रभावित कर सकता है और अमेरिका की व्यापारिक स्थिति को नया आकार दे सकता है.