menu-icon
India Daily

'ट्रंप की पुतिन से फोन पर बातचीत पूरी दुनिया के लिए खतरा', जेलेंस्की ने क्यों कहा ऐसा?

जेलेंस्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि वह केवल तभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक सामान्य योजना पर सहमति बन जाए.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Trump phone conversation with Putin is a threat to the whole world why did Zelensky say this

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में कहा कि यदि उनका देश नाटो का सदस्य नहीं बन सकता, तो वे यूक्रेन में नाटो का गठन करेंगे. उनके अनुसार, रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में ही छिपा है. ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस सप्ताह हुई फोन कॉल के बाद, जेलेंस्की ने ट्रंप के नेतृत्व को युद्ध के समाधान के लिए महत्वपूर्ण बताया.

ट्रंप-पुतिन फोन कॉल पर जेलेंस्की की प्रतिक्रिया

जेलेंस्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि वह केवल तभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक सामान्य योजना पर सहमति बन जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह ट्रंप के साथ बातचीत को एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं, जो रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मदद कर सकता है.

इससे पहले, ट्रंप ने यूक्रेन को लगातार अमेरिकी समर्थन देने की नीति में बदलाव किया था, जिससे पूरी दुनिया में चिंता पैदा हो गई है. ट्रंप की विदेश नीति में बदलाव की यह चर्चा यूरोप और अन्य क्षेत्रों में गर्मागर्म बहस का विषय बन गई है.

अमेरिका-यूक्रेन संबंधों में बदलाव
ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी विदेश नीति में यह बदलाव यूक्रेन और नाटो के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है. ट्रंप का कहना है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच एक उचित समाधान चाहते हैं, हालांकि यूरोपीय अधिकारियों के बीच यह चिंता बनी हुई है कि ट्रंप का दृष्टिकोण युद्ध को समाप्त करने के लिए किस तरह से प्रभावी हो सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इस बदलाव के बाद स्पष्ट किया है कि वे अमेरिका से अधिक सहायता की उम्मीद करते हैं, खासकर जब बात नाटो के सदस्य बनने की हो.

नाटो और यूरोपीय सुरक्षा पर अमेरिका का दृष्टिकोण
इस बीच, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूरोपीय अधिकारियों से नाटो में अधिक योगदान देने का आह्वान किया. वांस ने कहा कि नाटो को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए, और यूरोप को अपनी रक्षा क्षमता बढ़ानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को अब एशिया पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ समस्याओं से निपटने का मौका मिलना चाहिए.

वांस ने न केवल नाटो के बारे में बात की, बल्कि यूरोप में अवैध प्रवासन पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यूरोपीय नेता अगर अपनी नीतियों में सुधार नहीं करेंगे, तो उन्हें अपने ही वोटरों से समर्थन खोने का खतरा हो सकता है.

यूक्रेन में तनाव और रूस का हमला
इस सबके बीच, रूस द्वारा यूक्रेन के चेरनोबिल परमाणु संयंत्र पर किया गया ड्रोन हमला भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गया है. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया कि एक रूसी ड्रोन ने चेरनोबिल परमाणु संयंत्र के सुरक्षा ढांचे पर हमला किया, हालांकि इससे रेडिएशन स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई. यह घटना यूक्रेन के लिए एक नया सुरक्षा संकट पैदा कर सकती है, और पूरी दुनिया में इसका असर महसूस किया जा सकता है.