Russia Ukraine War: ट्रंप के फोन का कोई असर नहीं, रूस-यूक्रेन के बीच कुर्स्क में छिड़ी अब तक की सबसे भयंकर जंग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति समझौते का प्रस्ताव दिया है जिसका अभी तक कोई असर नहीं दिख रहा है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यदि डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौता कर पाते हैं, तो वे कुर्स्क क्षेत्र को छोड़ने के लिए तैयार हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति समझौते का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इस बीच कुर्स्क क्षेत्र युद्ध के सबसे क्रूर संघर्ष का गवाह बनता जा रहा है. पहले यह युद्ध पूर्वी यूक्रेन के इलाकों तक सीमित था, लेकिन अब रूस के सीमा क्षेत्र कुर्स्क में दोनों पक्षों की बड़ी भिड़ंत हो रही है.

न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, एक रूसी विशेष बल के कमांडर ने बताया कि वे और उनके सैनिक कुर्स्क में अब तक के सबसे भयंकर युद्ध में शामिल हैं. इस कमांडर के मुताबिक, उन्हें इस युद्ध में कुछ भी ऐसा नहीं दिखा जैसा उन्होंने पहले देखा हो. कमांडर ने कहा, "यह सबसे क्रूर लड़ाइयां हैं, मैं ऐसी कोई चीज नहीं देखी जो इस विशेष सैन्य अभियान के दौरान हो." दोनों पक्षों ने सीमित संसाधनों को कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए लगाया है.

कुर्स्क पर नियंत्रण क्यों महत्वपूर्ण है?

कुर्स्क युद्ध का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि दोनों पक्ष इसे शांति वार्ता में महत्वपूर्ण क्षेत्र मानते हैं. यूक्रेन के सैनिक और विशेष रूप से वाग्नर पैरा मिलिट्री के अवशेषों से बनी आख़मत स्पेशल फोर्सेस कुर्स्क में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यदि डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौता कर पाते हैं, तो वे कुर्स्क क्षेत्र को छोड़ने के लिए तैयार हैं.

दूसरी तरफ, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया. उनका कहना है कि रूस कभी अपने क्षेत्र की अदला-बदली नहीं करेगा. पुतिन ने कहा, "यह असंभव है. रूस कभी अपने क्षेत्र की अदला-बदली नहीं करेगा." वे चाहते हैं कि यूक्रेनी सेनाएँ कुर्स्क से पूरी तरह बाहर हो जाएं, ताकि उन्हें कोई समझौता करने की आवश्यकता न पड़े.

यूक्रेन की रणनीति और रूस की स्थिति

कुर्स्क के क्षेत्र में यूक्रेन और रूस दोनों ही अपनी ताकत लगाने में लगे हुए हैं. यूक्रेन ने अब तक कुर्स्क के 500 वर्ग मील क्षेत्र में रूस को कड़ी टक्कर दी है. रूस ने अपने सैनिकों और अन्य सहयोगियों को इस क्षेत्र में तैनात किया है ताकि यूक्रेनी हमलावरों को खदेड़ा जा सके. हालांकि, क्षेत्र के नागरिकों की स्थिति अत्यंत कठिन हो गई है. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं कि वे नागरिकों को बचाने के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ नहीं बना पाए हैं. नतीजतन, कुर्स्क के निवासी सर्दियों के मौसम में भोजन, हीटिंग, और बिजली की कमी से जूझ रहे हैं.

क्या कुर्स्क युद्ध के बाद शांति की उम्मीद है?

हालाँकि ट्रंप ने शांति वार्ता की संभावना जताई है, रूस और यूक्रेन के बीच कुर्स्क क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर कोई सुलह की स्थिति फिलहाल नजर नहीं आ रही. रूस अपने कब्जे वाले क्षेत्र को छोड़ने को तैयार नहीं है, जबकि यूक्रेन कुर्स्क को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र मानता है, जो शांति समझौते के लिए आवश्यक हो सकता है.

कुल मिलाकर, कुर्स्क का संघर्ष रूस-यूक्रेन युद्ध के सबसे भयंकर और क्रूर युद्धों में से एक बन चुका है. दोनों पक्ष अपनी जिद्द पर अड़े हैं, और यह स्पष्ट है कि शांति की दिशा में कोई भी सार्थक कदम उठाने के लिए बहुत संघर्ष बाकी है.