menu-icon
India Daily
share--v1

ना पुलिस पकड़ेगी, ना कोई ऐक्शन होगा, इस देश में खुलकर पियो गांजा, आखिर क्यों सरकार ने दे डाली छूट?

ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए गांजा को रखने की इजाजत दे दी है. कोर्ट ने इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है. जेल में बढ़ती आबादी और लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद ब्राजील ऐसा करने वाला दक्षिणी अमेरिका का पहला देश बन गया है.

auth-image
India Daily Live
 marijuana
Courtesy: social media

लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए गांजा रखने पर होने वाली जेल की सजा को अब अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है. जेलों में बढ़ती आबादी और स्थानीय लोगों की मांग के बाद ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया है. यह दक्षिणी अमेरिका का पहला देश है, जहां गांजा रखना अपराध नहीं है.

इस फैसले के पक्ष में मतदान करने वाले सभी जजों ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर निजी उपयोग के लिए गांजा की एक निश्चित मात्रा को रखने को लीगल किया गया है. वहां की अदालत का तर्क है कि इससे पुलिस के पास लंबित मामलों में गिरावट आएगी और पुलिस नशीली दवाओं की खरीद फरोख्त को कम करने की दिशा में सही कदम ठा सकेगी. 

ब्राजील सरकार ने दी गांजा रखने की छूट?

देश में गांजा लीगल होने के बाद अब जजों को भी अधिकतम मात्रा का निर्धारण करना बाकी है कि एक व्यक्ति आखिर कितना गांजा रख सकता है. जिसे पर्सनल उपयोग के लिए माना जा सके. यह निर्णय कब से लागू होगा इस पर आज फैसला आने की संभावना है.

क्या है पूरा मामला?

ब्राजील की कांग्रेस ने 2006 में एक कानून को मंजरी दी थी. जिसे मारिजुआना सहित कई नशीली दवाओं की थोड़ी सी मात्रा के साथ पकड़े जाने पर व्यक्तियों को सजा देने की बात थी. हालांकि कानून स्पष्ट नहीं था और न ही इससे सरकार नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी को कम करने में कामयाबी हासिल कर पाई. पुलिस लगातार गांजा की थोड़ी सी मात्रा भी मिलने पर लोगों को पकड़कर जेल में बंद करती रही. जिससे ब्राजील की जेल में कैदियों की संख्या बढ़ती चली गई. 

जेल भरने से परेशान थी सरकार!

सामाजिक सुरक्षा से संबंधित थिंक टैंक के अध्यक्ष इलोना सजाबो ने कहा कि ब्राजील की जेलों में बंद अधिकतर कैदी पहली बार ज्यादा मात्रा में गांजा के साथ पकड़े गए ऐसे लोग हैं जो पहली बार अपराधी बने हैं. जो अपने साथ थोड़ी मात्रा में अवैध पदार्थ ले जा रहे थे और नियमित पुलिस अभियानों में पकड़े गए. इन लोगों के पास न तो कोई हथियार मिला और न ही इनका संगठित अपराध के साथ कोई संबंध था.

गांजा रखना लीगल है, बेचना नहीं!

लैटिन अमेरिकी देश उरुग्वे 2013 में ही गांजा को लीगल करने के मामले में सबसे पहला देश था, अमेरिका के कुछ राज्यों में भी यह व्यक्तिगत तौर पर रखना तो लीगल है ही लेकिन उसे किसी और को बेचना लीगल नहीं है. इक्वाडोर और पेरू में भी इसे लीगल कर दिया गया है. यूरोप के कई देशों में गांजा को व्यक्तिगत तौर पर रखना लीगल कर दिया गया है. हाल ही में गांजा को वैध बनाने वाला जर्मनी सबसे बड़ा यूरोपिय देश बना है. जर्मन सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्षी नेताओं और डाक्टरों ने अपनी बात दर्ज कराई थी लेकिन इसके बाद भी गांजा को देश में वैध बना दिया गया था.