US Army Recruitment: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सेना में 'ट्रांसजेंडर विचारधारा' और 'आविष्कृत सर्वनामों' पर प्रतिबंध लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद, अमेरिकी सेना ने आधिकारिक रूप से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भर्ती पर रोक लगाने की घोषणा की है.
बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी एक बयान में अमेरिकी सेना ने कहा, ''अब से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सेवा सदस्यों के लिए लिंग परिवर्तन से जुड़ी प्रक्रियाओं को निष्पादित या सुविधाजनक बनाने की प्रक्रिया भी बंद कर दी जाएगी.''
लिंग-पुष्टि उपचार भी किया गया निलंबित
वहीं बता दें कि अमेरिकी सेना ने स्पष्ट किया कि लिंग-विकार (जेंडर डिस्फोरिया) से पीड़ित लोगों को सम्मान के साथ व्यवहार किया जाएगा, लेकिन लिंग-पुष्टि देखभाल अनिश्चित काल के लिए रोक दी गई है. सेना के आधिकारिक बयान में कहा गया, ''तत्काल प्रभाव से, जेंडर डिस्फोरिया के इतिहास वाले व्यक्तियों की सेना में भर्ती रोक दी गई है और सेना में सेवा दे रहे ट्रांसजेंडर सैनिकों के लिए सभी अनुसूचित, नियोजित या लंबित लिंग-पुष्टि चिकित्सा प्रक्रियाएं रोक दी गई हैं.''
ट्रंप का कहना- सेना में ट्रांसजेंडर विचारधारा स्वीकार्य नहीं
बताते चले कि 27 जनवरी को हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ''जन्म के समय निर्धारित लिंग से भिन्न लिंग पहचान एक सैनिक की सम्मानजनक, सत्यनिष्ठ और अनुशासित जीवनशैली की प्रतिबद्धता के साथ संघर्ष करती है.'' ट्रंप ने तर्क दिया कि सेना में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की मौजूदगी सैन्य तैयारियों के लिए बाधक बन सकती है. उन्होंने कहा कि इस नीति में संशोधन की आवश्यकता है ताकि सेना की अनुशासन और दक्षता बनी रहे.
ओबामा प्रशासन की नीति को पलटने की तैयारी
डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले भी ट्रांसजेंडर सैनिकों पर प्रतिबंध लगाने का वादा कर चुके थे. गौरतलब है कि 2016 में बराक ओबामा प्रशासन ने सेना में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की सेवा की अनुमति दी थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन इस नीति को पलटने के लिए प्रतिबद्ध है.
ट्रंप का बयान- सेना से ट्रांसजेंडर विचारधारा खत्म करेंगे
इसके अलावा, फ्लोरिडा के मियामी में रिपब्लिकन रिट्रीट के दौरान ट्रंप ने कहा, ''हमारी सेना को दुनिया की सबसे घातक लड़ाकू शक्ति बनाए रखने के लिए, हम सेना से ट्रांसजेंडर विचारधारा को पूरी तरह से समाप्त कर देंगे.''
हालांकि, ट्रंप की इस घोषणा के बाद अमेरिकी राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है. समर्थकों का कहना है कि यह निर्णय सेना की मजबूती और अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक है, जबकि विरोधियों का मानना है कि यह नीति ट्रांसजेंडर सैनिकों के अधिकारों का उल्लंघन करती है.