US India Trade Agreement: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ चल रही टैरिफ वार्ता को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है. उन्होंने मंगलवार को व्हाइट हाउस के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा, ''मुझे लगता है कि हम भारत के साथ एक समझौता करेंगे... जैसा कि आप जानते हैं, प्रधानमंत्री तीन हफ्ते पहले यहां आए थे और वो भी एक समझौता करना चाहते हैं.'' ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दोनों देश व्यापार विवादों को सुलझाने की दिशा में गंभीरता से प्रयासरत हैं.
बता दें कि ट्रंप के इस बयान से ठीक एक दिन पहले, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने बताया कि उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर 'बहुत अच्छी प्रगति' हुई है. उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ''मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति वेंस के बीच काफी सकारात्मक चर्चा हुई. जल्द ही भारत को लेकर कुछ अहम घोषणाएं हो सकती हैं.''
भारत ने भी मानी 'सकारात्मक प्रगति'
वहीं भारत सरकार की ओर से भी पुष्टि की गई कि अमेरिका के साथ बीटीए (द्विपक्षीय व्यापार समझौते) पर 23-25 अप्रैल को वाशिंगटन डीसी में उपयोगी चर्चाएं हुईं. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, टैरिफ और गैर-टैरिफ जैसे मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ, जिसे दोनों पक्षों ने 'फलदायी और रचनात्मक' बताया.
26% पारस्परिक शुल्क की पृष्ठभूमि
इससे पहले 2 अप्रैल को ट्रंप ने भारत और चीन सहित कई देशों पर 26% का "छूट वाला पारस्परिक शुल्क" लगाने की घोषणा की थी. यह कदम अमेरिकी उत्पादों पर भारत द्वारा लगाए गए उच्च शुल्कों के जवाब में उठाया गया था. हालांकि, बाद में ट्रंप ने चीन और हांगकांग को छोड़कर 75 देशों के अनुरोध पर इन शुल्कों को 9 जुलाई तक 90 दिनों के लिए टाल दिया.
क्या है पारस्परिक शुल्क?
बताते चले कि पारस्परिक शुल्क उस स्थिति में लगाया जाता है जब कोई देश अपने निर्यात पर शुल्क लगाता है. इसके जवाब में दूसरा देश भी समान या आनुपातिक शुल्क लगाकर उस असंतुलन को संतुलित करने की कोशिश करता है. ट्रंप की नजर में यह अमेरिका के हितों की रक्षा और निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने की दिशा में जरूरी कदम है.