इजिप्ट के लाल सागर शहर हर्गाड़ा के पास गुरुवार (27 मार्च) को एक हैरान कर देने वाला हादसा हुआ है. जहां पर एक टूरिस्ट पनडुब्बी के डूबने से कम से कम 6 रूसी पर्यटकों की मौत हो गई. जबकि, 9 अन्य लोग घायल हो गए हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब पनडुब्बी हर्गहाडा के लोकप्रिय लाल सागर तट के पास से गुज़र रही थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,यह पनडुब्बी, जो रूसी पर्यटकों से भरी थी, 45 यात्रियों के साथ यात्रा कर रही थी. हालांकि, पनडुब्बी में सवार चालक दल के सदस्यों की संख्या अभी तक अधिकारियों द्वारा पुष्टि नहीं की गई है. रेड सी गवर्नरेट के अनुसार, आपातकालीन कर्मियों ने 29 लोगों को बचाया, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकारियों के अनुसार, उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
इस दुर्भाग्यपूर्ण पनडुब्बी का नाम "SINDBAD" था और यह एक कोरल रीफ देखने के लिए निकली थी. यात्रा सुबह लगभग 10 बजे शुरू हुई थी और यह तट से लगभग आधे मील की दूरी पर डूब गई.
Tourist submarine sinks off Egypt's coast, leaving 6 dead and 9 injured, officials say pic.twitter.com/tseDPDeE1J
— TRT World Now (@TRTWorldNow) March 27, 2025
पनडुब्बी के डूबने का कारण अभी नहीं आए सामने
स्थानीय अधिकारियों ने पनडुब्बी के डूबने के कारण की पुष्टि नहीं की है. हालांकि, हर्गाड़ा में रूसी कांसुलेट ने बताया कि चार लोग मारे गए हैं, लेकिन अब तक ये नहीं बताया गया है कि वे रूसी थे या नहीं. इसके अलावा, कांसुलेट ने यह भी कहा कि कई पर्यटकों की स्थिति अभी भी साफ नहीं हो पाई है.
सिंदबाद पनडुब्बी का संचालन करने वाली कंपनी
यह पनडुब्बी "सिंदबाद पनडुब्बीज़" नामक एक हर्गाड़ा आधारित कंपनी द्वारा संचालित की जा रही थी. इस पनडुब्बी में 44 यात्री सीटें और दो पायलट सीटें थीं. कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, पनडुब्बी में हर यात्री के लिए एक गोलाकार दृश्य विंडो भी थी.
पिछले 4 महीने में घटी दूसरी घटना
बता दें कि, यह घटना चार महीने बाद हुई है, जब लाल सागर में एक पर्यटक यॉट डूब गई थी. उस घटना में कम से कम चार लोग डूब गए थे, जबकि 33 लोगों को बचा लिया गया था. इजिप्टीयन अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों द्वारा उबड़-खाबड़ पानी की चेतावनी जारी की गई थी.
हाल ही में, कई पर्यटक कंपनियों ने इस क्षेत्र में यात्रा को रोक दिया है या फिर सीमित कर दिया है, क्योंकि इस क्षेत्र में चल रहे संघर्षों के कारण खतरे बढ़ गए हैं.