Julian Assange WikiLeaks: अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देशों के काले कारनामों और प्रमुख हस्तियों के राज उजागर करने वाले विकीलीक्स वेबसाइट के फाउंडर जूलियन असांजे 25 जून को लंदन की जेल से रिहा हो गए. वह वहां पांच साल से जेल की सजा काट रहे थे. उन्होंने अमेरिकी कोर्ट के सामने अपने जासूसी और खुफिया दस्तावेज लीक करने के आरापों को स्वीकार कर लिया. इस तरह लगभग एक दशक से चल रही एक लंबी कानूनी लड़ाई का अंत हो गया. असांजे ने अमेरिकी सरकार के साथ हुए समझौते के तहत अपना दोष कुबूल किया. वह लंदन की हाई सिक्योरिटी जेल बेलमार्श में 1901 दिन की सजा काटने के बाद रिहा हो गए. इसके बाद वह सीधे अपने देश ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो गए. हालांकि यह सब इतनी आसानी से नहीं हुआ, इसके लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा. असांजे द्वारा रिलीज किए गए खुफिया दस्तावेजों से वैश्विक महाशक्तियों की नींद उड़ गई. दुनिया के सामने उनका सच सामने आ गया हर जगह उनकी थेथरई होने लगी. इस कारण उन पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए और सालों तक जेल में रहने के लिए मजबूर किया गया. आज के लेख में जूलियन असांजे द्वारा उन खुलासों की बात होगी जिससे व्हाइट हाउस के काले कारनामे दुनिया के सामने उजागर हो गए थे. जूलियन असांजे ने खोजी पत्रकारिता के कारण 25 से ज्यादा अवॉर्ड अपने नाम किए हैं.
केबलगेट केस
साल 2010 में अमेरिकी डिप्लोमेसी को लेकर विकीलीक्स ने एक पब्लिक लाइब्रेरी (PLUSD) का निर्माण शुरू किया था. इस लाइब्रेरी में साल 1966 से लेकर साल 2010 तक दुनियाभर में तैनात अमेरिकी राजनयिकों, अधिकारी और विदेश विभाग के प्रतिनिधियों के बीच भेजे गए 3,326,538 केबल ( गुप्त संदेश ) थे. यह विकीलीक्स द्वारा अमेरिका पर किया सबसे बड़ा खुलासा था. विकीलीक्स ने इन संदेशों में से लगभग 250,000 केबल सार्वजनिक कर दिए थे. इस लीक में अमेरिकी अधिकारी अपने विदेशी समकक्षों के बारे में शर्मनाक सोच रखते थे उनकी बातचीत में शर्मनाक विवरण भी शामिल थे. इनमें से कुछ अधिकारी वे हैं जो आज उच्च पदों पर हैं उन्होंने अपनी तत्कालीन सरकारों के प्रति निराशा व्यक्त थी. इस खुलासे को तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर खतरा करार दिया था.
साल 2010 में विकीलीक्स ने इराक और अफगानिस्तान जंग से जुड़ी विश्वसनीय और खुफिया जानकारी लीक कर दी. विकीलीक्स ने अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध पर 90,000 सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स जारी कर दिए. वहीं, इराक युद्ध में 400,000 गुप्त अमेरिकी फाइलें सार्वजनिक कर दीं. इन दस्तावेजों में अमेरिका द्वारा तालिबान के खिलाफ जंग की जो तस्वीर थी वह उसकी नीति से बिलकुल उलट थी. अमेरिकी सेना यहां तालिबानियों के खिलाफ संघर्ष कर रही थी. 2004 से 2009 के बीच इन दस्तावेजों में अमेरिकी सरकार पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने इराक और अफागनिस्तान युद्ध में मृतकों की कई गुना वास्तविक संख्या छुपाई है.
विकीलीक्स ने सबसे पहले अमेरिकी हिरासत शिविर ग्वांतानामो में कैद 800 कैदियों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी. इनमें से कई कैदियों की उम्र तो 14 साल तक थी.इनमें से कम से कम 150 कैदी निर्दोष अफगानी या पाकिस्तानी थे. क्यूबा की इस खतरनाक जेल से जुड़े 238 दस्तावेज विकीलीक्स ने जारी किए थे. इन दस्तावेजों में खुलासा किया गया कि बगैर पुख्ता सबूतों के ही लोगों को कई सालों तक ग्वांतानामो जेल में रखा गया. इतना ही नहीं समाज के लिए बेहद हानिकारक लोगों को जेल से आसानी से रिहा भी कर दिया गया.
विकीलीक्स के सबसे अहम खुलासों में से एक इराक हेलीकॉप्टर वीडियो है जिसने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था. अप्रैल 2010 में जारी इस वीडियो में अमेरिकी हेलीकॉप्टर अपाचे पर सवार सैनिकों ने दो दर्जन से ज्यादा निर्दोष लोगों को मार दिया था. बगदाद में हुए इस हत्याकांड में समाचार एजेंसी रॉयटर्स के दो जर्नलिस्ट भी मारे गए थे.
विकीलीक्स ने साल 2015 में खुलासा किया कि अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी NSA की मदद से दुनिया के कई देशों की जासूसी कर रहा था.इस दौरान वह विभिन्न नेताओं के बीच हो रही बातचीत को भी इंटरसेप्ट करते थे. विकीलीक्स ने अपने खुलासों में कहा था कि एनएसए विदेशी सरकारों, दुश्मनों ही नहीं बल्कि आम नागरिकों की भी जासूसी में शामिल था. एनएसए ने पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल के बीच बातचीत को भी बाधित किया था.
Hundreds of NSA cyber weapons variants publicly released including code showing hacking of Pakistan mobile system https://t.co/bL833ktQpm
— WikiLeaks (@wikileaks) April 8, 2017
विकीलीक्स ने साल 2016 में डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष नेताओं की समिति (DNC) के बीच बातचीत के ईमेल जारी कर दिए थे. पार्टी ने निष्पक्ष राष्ट्रपति चुनाव का वादा करके भी नामांकन चुनाव में हिलेरी क्लिंटन को फायदा पहुंचाया. बर्नी सैंडर राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन में हिलेरी से हार गए थे.इस खुलासे के बाद हुई जांच के बाद समिति के पांच लोगों ने इस्तीफा दिया था. हालांकि अंत में हुए राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन को हरा दिया था.