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India Daily

सर्बिया में राष्ट्रपति वुसिक की सत्ता को उखाड़ने की तैयारी, भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों लोग

प्रदर्शनकारी अधिक जवाबदेही की मांग कर रहे हैं और कहते हैं कि वे तब तक रुकेंगे नहीं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं. यह रैली सर्बिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के गुस्से और बदलाव की चाह को दर्शाती है, जो अब तक के सबसे बड़े आंदोलनों में से एक बन गई है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Thousands of people took to the streets in Serbia against corruption

सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में शनिवार, 15 मार्च 2025 को हज़ारों लोगों ने भ्रष्टाचार विरोधी रैली में हिस्सा लिया. यह प्रदर्शन पिछले कई महीनों से चल रहे लगभग रोज़ाना के आंदोलनों का चरम माना जा रहा है, जो राष्ट्रपति अलेक्सांदर वुसिक की 13 साल की मजबूत सत्ता के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. प्रदर्शनकारी संसद भवन के सामने से गुज़रे, सर्बियाई झंडे लहराते हुए और नारे लगाते हुए अपनी मांगों को बुलंद करते रहे.

शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील

सोशल मीडिया पर जारी बयानों में छात्रों ने रैली में शामिल होने वालों से शांत और जिम्मेदार तरीके से व्यवहार करने का आग्रह किया. एक बयान में कहा गया, "इस आंदोलन का मकसद संस्थानों पर हमला करना या अलग विचार रखने वालों पर आक्रमण करना नहीं है." रैली को आधिकारिक तौर पर दोपहर 4 बजे (भारतीय समयानुसार रात 8:30 बजे) शुरू होना था और रात 9 बजे तक चलना था, लेकिन उससे कई घंटे पहले ही हज़ारों लोग जमा हो चुके थे. यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को सरकार से प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करने की अपील की थी.

नोवी साद त्रासदी को याद करते हुए
रैली से पहले सुबह 11:52 बजे हज़ारों लोगों ने 15 मिनट का मौन रखा, जो नोवी साद में पिछले साल नवंबर में हुई त्रासदी की याद में था. उस घटना में एक रेलवे स्टेशन की छत ढहने से 15 लोगों की मौत हो गई थी, जिसे लोग सरकारी भ्रष्टाचार और लापरवाही का परिणाम मानते हैं. बेलग्रेड के मुख्य मार्गों पर किसान, छात्र, बाइकर्स और आम नागरिक एकजुट हुए, जबकि ट्रैक्टरों की कतार संसद की ओर बढ़ रही थी. बेलग्रेड के बायोलॉजी संकाय की छात्रा मिलिका स्टोजानोविच ने कहा, "हम न्याय के लिए आए हैं. उम्मीद है कि इस प्रदर्शन के बाद चीजें बदलेंगी."

तनाव और सरकार का रुख
हालांकि, शहर में सरकार समर्थक भी सक्रिय थे. अल्ट्रानेशनलिस्ट, मिलिशिया सदस्य और कथित फुटबॉल गुंडों ने संसद के पास बैरिकेड्स लगा दिए थे, जिससे छात्र प्रदर्शनकारियों के साथ टकराव की आशंका बढ़ गई. दंगा पुलिस भी इन इलाकों में तैनात थी. शुक्रवार रात को राष्ट्रपति वुसिक ने टीवी पर देश को संबोधित करते हुए कहा, "मुझ पर दबाव नहीं डाला जा सकता. मैं सर्बिया का राष्ट्रपति हूं और सड़कों को नियम तय करने नहीं दूंगा." उन्होंने हिंसा से बचने की अपील की और पुलिस को अत्यधिक बल प्रयोग न करने का निर्देश दिया.

देशभर से आए प्रदर्शनकारी
शुक्रवार रात को बेलग्रेड की सड़कों पर हज़ारों लोग छात्र प्रदर्शनकारियों का स्वागत करने के लिए जमा हुए, जो सर्बिया के विभिन्न शहरों से पैदल मार्च करते हुए राजधानी पहुंचे थे. आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार देर रात तक करीब 31,000 लोग शहर में एकत्र हो चुके थे. अर्थशास्त्र संकाय की 20 वर्षीय छात्रा तिजाना जुरिच ने कहा, "यहां कोई हिंसा नहीं होगी, क्योंकि हम सब एक ही मकसद से आए हैं - उन लोगों का इंतज़ार करने जो सर्बिया को आज़ाद कर रहे हैं."

सरकार पर बढ़ता दबाव
कई विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है. राजनीतिक विश्लेषक सर्जन स्विजिच ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से सरकार तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है. वह राष्ट्रपति भवन के सामने समर्थन का दिखावा कर रही है, जहां पैसे देकर प्रदर्शनकारी लाए गए हैं." सरकार समर्थक मीडिया ने छात्रों पर "तख्तापलट" की योजना बनाने का आरोप लगाया है, जबकि वुसिक ने इसे "बड़े पैमाने पर हिंसा" करार दिया. प्रदर्शनकारी अधिक जवाबदेही की मांग कर रहे हैं और कहते हैं कि वे तब तक रुकेंगे नहीं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं. यह रैली सर्बिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के गुस्से और बदलाव की चाह को दर्शाती है, जो अब तक के सबसे बड़े आंदोलनों में से एक बन गई है.