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India Daily

'वे हम पर कीचड़ उछालते हैं...', PM मेलोनी ने ट्रंप और मोदी का खुलकर किया समर्थन

वॉशिंगटन में आयोजित कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में वीडियो लिंक के जरिए अपने विचार साझा करते हुए मेलोनी ने ट्रंप की सराहना की और पीएम मोदी का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि ऐसे नेता वामपंथियों के लिए चुनौती बने हुए हैं, जिससे वे चिंतित हैं.

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Edited By: Ritu Sharma
Giorgia Meloni
Courtesy: Social Media

Giorgia Meloni: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने वामपंथी उदारवादियों पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वे दक्षिणपंथी नेताओं के बढ़ते प्रभाव से बौखलाए हुए हैं. वाशिंगटन डीसी में आयोजित कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए मेलोनी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया.

इसको लेकर उन्होंने कहा, ''जब बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने 90 के दशक में वैश्विक वामपंथी उदारवादी नेटवर्क बनाया, तो उन्हें राजनेता कहा गया. लेकिन जब ट्रंप, मेलोनी, जेवियर माइली या नरेंद्र मोदी अपनी बात रखते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है. यह वामपंथियों का दोहरा मापदंड है, लेकिन अब लोग उनके झूठ पर विश्वास नहीं करते.''

ट्रंप की जीत से और घबराए वामपंथी – मेलोनी

आपको बता दें कि मेलोनी ने कहा कि वामपंथी ट्रंप की वापसी से सबसे ज्यादा परेशान हैं. उन्होंने दावा किया, ''ट्रंप की जीत ने उनकी हताशा को उन्माद में बदल दिया है. वे केवल इसलिए नहीं घबराए हुए हैं कि रूढ़िवादी जीत रहे हैं, बल्कि इसलिए भी कि अब वैश्विक स्तर पर दक्षिणपंथी एकजुट हो रहे हैं.'' उन्होंने ट्रंप को एक 'दृढ़ और साहसी नेता' बताया, जो बाहरी दबावों के बावजूद दुनिया भर में रूढ़िवादी ताकतों का समर्थन करते रहेंगे. मेलोनी ने जोर देकर कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका और यूरोप के रिश्ते और मजबूत होंगे.

CPAC में भागीदारी पर इटली में विवाद

वहीं मेलोनी के CPAC में भाग लेने को लेकर इटली में उनके राजनीतिक विरोधियों ने कड़ी आपत्ति जताई. सेंटर-लेफ्ट डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता एली श्लेन ने मेलोनी से इस सम्मेलन से दूरी बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, ''उन्हें इस नव-फासीवादी सभा से अलग होना चाहिए. वे यूरोप और यूक्रेन पर ट्रंप के हमलों पर चुप क्यों हैं?'' वहीं, फ्रांस की नेशनल रैली (RN) पार्टी के नेता जॉर्डन बार्डेला ने सम्मेलन में ट्रंप के पूर्व मुख्य रणनीतिकार स्टीव बैनन द्वारा नाजी सलामी दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई और खुद को CPAC से अलग कर लिया.

यूरोपीय संघ और अमेरिका के रिश्तों पर उठे सवाल

बताते चले कि ट्रंप की विदेश नीति को लेकर यूरोप में पहले से ही चिंताएं बनी हुई हैं. नाटो और रूस के मुद्दे पर ट्रंप के रुख ने यूरोपीय नेताओं को असमंजस में डाल दिया है. हालांकि, मेलोनी ने स्पष्ट किया कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका और यूरोप के बीच मजबूत साझेदारी बनी रहेगी. उन्होंने कहा, ''यूरोप और अमेरिका के बीच रिश्ते पहले जैसे ही रहेंगे. ट्रंप के शासन में दोनों सहयोगी और करीब आएंगे.''

हालांकि, इतालवी प्रधानमंत्री मेलोनी के बयान ने वैश्विक राजनीति में दक्षिणपंथ बनाम वामपंथ की बहस को और हवा दे दी है. उन्होंने ट्रंप और मोदी का समर्थन करते हुए वामपंथियों पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. मेलोनी के CPAC में भाग लेने से इटली और यूरोप में सियासी विवाद भी खड़ा हो गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने पर यूरोप-अमेरिका के रिश्ते किस दिशा में जाते हैं.