नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस .जयशंकर ने एक पत्रकार वार्ता में कहा है कि बीते तीन सालों के अंदर भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों की ओर से बातचीत जारी है, साथ ही सीमा विवाद के प्रमुख तनाव क्षेत्रों के समाधान को लेकर दोनों देश आगे बढ़े हैं.
उन्होंने आगे कहा कि सीमा विवाद को लेकर दोनों देश जल्द ही फिर से एक बैठक करेंगे.
कमांडर स्तर की वार्ताएं हुई
भारत और चीन सीमा विवाद लंबे समय से कायम है.
दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और तब बढ़ गया जब जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो गई.
1962 के चीन युद्ध के बाद पहली बार दोनों देशों के मध्य इस कदर हालात खराब हो गए थे. जयशंकर ने आगे कहा कि दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कमांडर स्तर की कई वार्ताएं कर चुके हैं.
दोनों देशों के बीच आखिरी कमांडर स्तर की वार्ता 23 अप्रैल को हुई थी जिसे चीन की ओर से आयोजित किया गया था.
बुनियादी अवसरंचना पर सरकार का जोर
विदेश मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि बीते 9 सालों में भारत सरकार ने सीमा से लगे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया है.
नॉर्थ-ईस्ट में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों में बेहतर अवसरंचना विकसित करने पर सरकार खासा ध्यान दे रही है.
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सीमावर्ती राज्यों में बुनियादी अवसरंचना और सीमा पार से हो रही अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने विशेष ध्यान दिया है.
हम नजर बनाए हुए
भूटान और चीन के बीच चल रही बैठकों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अब तक 24वें दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं.
संभव है कि दोनों देशों के बीच इस तरह की और भी बैठकें हों. हम दोनों देशों के बीच हो रही बैठकों पर नजर बनाए हुए हैं.
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