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Syria Civil War: सुन्नी मुसलमानों ने तोड़ा राष्ट्रपति के पिता और शिया मुसलमान का पुतला, Video में देखें जनता की खुशी

Syria Civil War: सीरिया में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. राष्ट्रपति बशर अल अशद दमिश्क छोड़ भाग गए हैं. अब दमिश्क पर हयाक तहरीर अल शाम का कब्जा हो गया है. दमिश्क में विद्रोहियों का कब्जा होने के बाद वहां से खुशी और तबाही के वीडियो सामने आ रहे हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Syrian public breaks statue of Bashar al-Assad's father
Courtesy: Social Media

Syria Civil War: सीरिया से असद का शासन खत्म हो चुका है. विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंका है. रूस ने एक बयान जारी कर कहा कि असद इस्तीफा देकर दमिश्क से निकल गए. वह सीरिया से निकलकर अज्ञात जगह पर गए हैं. दमिश्क पर कब्जा जमाते ही विद्रोही संगठन राष्ट्रपति भवन और अन्य सरकारी भवनों पर धावा बोल दिया है. सीरिया से इस समय कई तरह के वीडियो सामने आ रहे हैं. एक नए वीडियो में विद्रोही संगठन के कुछ लोग और सीरिया की जनता बशर अल-असद के पिता हाफिज अल असद के पुतले को तोड़कर उसकी सवारी करते दिख रहे हैं. सीरिया की जनता बहुत खुश नजर आ रही है. ऐसा लग रहा है कि उन्हें आजादी मिल गई है. 

विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के पिता, हाफिज अल असद का पुतला गिरा दिया, और इस घटना के बाद जनता ने इसे जश्न के रूप में मनाया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि लोग इस पुतले के साथ सड़कों पर उत्साह से झूमते नजर आ रहे हैं.

Video में देखें जनता ने कैसे की टूटे पुतले में सवारी

सुन्नी बहुल सीरिया में शिया शासन का अंत

सीरिया में शिया मुसलमान अल्पसंख्यक हैं, जबकि देश की बहुसंख्यक आबादी सुन्नी मुसलमानों की है. 1971 से 2000 तक सत्ता पर काबिज हाफिज अल असद और उनके बाद उनके बेटे बशर अल-असद का शासन शिया समुदाय का प्रतिनिधित्व करता था. लंबे समय से सत्ता के इस असंतुलन को लेकर सुन्नी बहुल आबादी में असंतोष रहा है, जो 2011 में बड़े पैमाने पर विद्रोह में तब्दील हो गया. और आज इस विरोध का अंत हो गया. 

हाफिज अल असद का पुतला उनके सत्ता के केंद्र का प्रतीक था. विद्रोही गुटों द्वारा इसे गिराना न केवल असद परिवार के खिलाफ विद्रोह को व्यक्त करता है, बल्कि सीरिया में शिया शासन के प्रति असंतोष को भी उजागर करता है. 

पुतले को तोड़ने के बाद जनता ने जिस प्रकार उत्साह व्यक्त किया, वह उनकी सामूहिक भावना का संकेत देता है. हालांकि, इस खुशी के पीछे स्थायी शांति और सत्ता संतुलन की उम्मीद भी छिपी है. यह घटना सिर्फ पुतला गिराने तक सीमित नहीं है, बल्कि एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करती है जिसे सीरियाई जनता लंबे समय से चाह रही है.