Syria Civil War: सीरिया की राजनीति में आया सियासी सूनापन देश को किसी भी दिशा में ले जा सकता है. बशर अल असद के अचानक देश छोड़ने के बाद हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इस बीच सीरिया में उइगर विद्रोहियों ने चीन को चेतावनी दी हैं. उनका कहना है कि वे बशर अल-असद के शासन के द्वारा छोड़े गए BM-21 ग्रैड लंबी दूरी के मिसाइलों का इस्तेमाल चीन के खिलाफ करेंगे. विद्रोहियों ने यह घोषणा करते हुए दावा किया कि वे इन मिसाइलों का इस्तेमाल चीन सरकार के खिलाफ करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उइगर विद्रोहियों का कहना है कि उन्होंने सीरिया में बशर अल-असद के शासन के दौरान छोड़े गए BM-21 ग्रैड मिसाइलों की खोज की है, जो अब उनके पास हैं.ये मिसाइलें लंबी दूरी तक वार करने की क्षमता रखती हैं. इधर, विद्रोहियों का कहना है कि वे इनका इस्तेमाल चीन पर हमला करने के लिए कर सकते हैं.
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— Open Source Intel (@Osint613) December 10, 2024
Uyghur Rebels in Syria Threaten China with Assad-Era Missiles
Uyghur rebels in Syria have discovered BM-21 Grad long-range missiles left behind by Bashar al-Assad’s regime. They issued a warning to the Chinese government, declaring their intent to use these weapons… pic.twitter.com/od2Yk0AxLD
चीन के खिलाफ बढ़ सकता है संभावित खतरा
चीन के प्रति उइगर विद्रोहियों की नाराजगी लंबे समय से जारी है. खासकर शिनजियांग क्षेत्र में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीन की कड़ी नीतियों को लेकर. यह नया घटनाक्रम चीन के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती के रूप में सामने आया है, क्योंकि सीरिया में विद्रोहियों के पास अब इस प्रकार के खतरनाक हथियार हैं.
उइगर मुसलमान ले रहे ISIS-अलकायदा से ट्रेनिंग
दरअसल, पिछले दिनों सीरिया से आई नई तस्वीरों ने चीन की खुफिया एजेंसियों को करारा झटका दिया है. इन तस्वीरों में चीन के उइगर मुसलमान ISIS और अन्य आतंकवादी संगठनों के आतंकवादियों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. यह तस्वीरें चीन की खुफिया एजेंसी के लिए एक गंभीर चिंता का कारण बनी हैं, क्योंकि इससे पता चलता है कि चीन के उइगर मुसलमानों को आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जा रही है.
चीन काफी समय से उइगर मुसलमानों को कर रहा परेशान
बता दें कि, चीन में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार रिपोर्टें आती रही हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग भी चीन को कई बार चेतावनी दे चुका है. हालांकि, चीन इन चेतावनियों को नजरअंदाज करता रहा है.