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'इजरायल से नहीं लड़ेंगे', बशर अल असद को खदेड़कर सीरिया पर कब्जा करने वाले अबू मोहम्मद अल-जोलानी की निकल गई हवा

अपने बयान में अल-जोलानी ने यह भी घोषणा की कि सीरिया अब ब्रिटेन के साथ अपने राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने बताया कि दमिश्क में ब्रिटिश दूतावास खोलने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Abu Mohammed al-Jolani

बशर अल अशद को खदेड़कर सीरिया की सत्ता पर कब्जा जमाने वाले नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी की शक्तिशाली इजरायल के सामने हवा निकल गई है. उन्होंने कहा है कि क्षेत्रीय नुकसान के बावजूद उनका इजरायल से युद्ध करने का कोई इरादा नहीं है.

संघर्ष से बचने पर जोर

अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता सीरिया के आंतरिक मुद्दों को सुलझाना है, न कि बाहरी संघर्षों में उलझना. उन्होंने कहा, 'हम इजरायल के साथ किसी भी तरह के संघर्ष में शामिल नहीं होंगे. हमारी प्राथमिकता अपने देश के पुनर्निर्माण और शांति स्थापित करने की है.' उनका यह रुख उस क्षेत्रीय स्थिति के बीच आया है, जिसमें इजरायल ने सीरियाई क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की है.

ब्रिटिश दूतावास खोलने की तैयारी
अपने बयान में अल-जोलानी ने यह भी घोषणा की कि सीरिया अब ब्रिटेन के साथ अपने राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने बताया कि दमिश्क में ब्रिटिश दूतावास खोलने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है. यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीरिया की स्थिति को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

क्षेत्रीय तनाव और सीरिया की रणनीति
सीरिया की सरकार पिछले कुछ समय से घरेलू समस्याओं और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से जूझ रही है. इस स्थिति में इजरायल के साथ टकराव से बचने का निर्णय देश की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक व्यावहारिक कदम माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि सीरिया की यह रणनीति देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए उठाई गई है.

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