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India Daily

Syria Saydnaya Prison: रेप, बिजली के झटके और गुप्त हत्या.. असद की 'कुख्यात कोठरी के अत्याचारों को जानकर कांप जाएगी रूह

सीरिया की असद सरकार के पतन के बाद कुख्यात सैदनाया जेल को लेकर बढ़ी जानकारी सामने आई है. जेल में हजारों लोगों को यातनाएं दी गईं और उन्हें मौत की सजा दी गई. लापता लोगों के परिवार अपने प्रियजनों से फिर से मिलने की उम्मीद में जेल के बाहर इकट्ठा हुए.

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Syria jail
Courtesy: x

Syria Jail असद परिवार का 50 साल का शासन अब सीरिया से खत्म हो गया है. इसके लिए विद्रोहियों ने सीरिया में जोरदार हमला किया और कुछ ही घंटों में कई शहरों में कब्जा कर लिया. इस दौरान सैकड़ों कैदी असद की जेल से बाहर कर दिए गए. इस दौरान जेल से निकलने के बाद कई कैदियों ने अपनी आपबीती बताई, उन्होंने कहा कि उनको बहुत पहले लगा था कि वे अब मर चुके हैं

यह घटना तब घटी जब दमिश्क में जश्न मना रहे लोगों को शहर के बाहरी इलाके में एक दरवाजा मिला. द गार्जियन के अनुसार, दरवाज़े के पीछे, पांच मंजिल गहरा एक विशाल भूमिगत परिसर था, जिसमें असद शासन के आखिरी कैदी थे, जो सांस के लिए तड़प रहे थे.

जेल या ह्यूमन शेल्टर हाउस?

रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल के हवाले से कहा गया है कि लगभग 20 हजार कैदी भूमिगत फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने की जरूरत है. विद्रोही लड़ाकों ने हवा में गोलियां चलाकर लोगों को सैदनाया सैन्य जेल में घुसने से रोकने की कोशिश की, जिसे आमतौर पर “मानव वधशाला” के रूप में जाना जाता है. हालांकि, हजारों पुरुषों और महिलाओं ने राजनीतिक कैदियों और कई अन्य लोगों को छुड़ाने के लिए कोशिकाओं और सुरक्षा सुविधाओं में सेंध लगाई, जो 2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद से गायब हो गए थे.

जेल में की जाती थी हत्या

सैदनाया सैन्य जेल दमिश्क के ठीक उत्तर में स्थित है, जहां रविवार की सुबह महिला बंदियों की चीखें सुनी जा सकती थीं, जिनमें से कुछ के साथ उनके बच्चे भी थे. एसोसिएटेड प्रेस ने एमनेस्टी इंटरनेशनल और अन्य समूहों के हवाले से कहा कि सैदनाया में हर सप्ताह दर्जनों लोगों को गुप्त रूप से मार दिया जाता था, तथा अनुमान है कि 2011 से 2016 के बीच 13,000 सीरियाई मारे गए. 

जेल में इस तरह से यातनाएं

जेल से बचकर आए कुछ लोगों ने द गार्जियन को बताया कि उन्हें हर रोज क्रूर तरीके से पीटा जाता था. जेल में बलात्कार, बिजली के झटके और अन्य यातनाएं दी जाती थीं. कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया.