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India Daily

'सीरिया दुनिया के लिए खतरा नहीं...', दुनिया के तीसरे सबसे खतरनाक देश की ये है अगली प्लानिंग!

Ahmed al-Sharaa: सीरिया में बशर अल-असद सरकार का पतन हो चुका है. अब यहां विद्रोही संगठन HTS का कब्जा है. संगठन के नेता अहमद अल-शरा ने पूरी दुनिया को अपना संदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि सीरिया अब दुनिया के लिए खतरा नहीं है.

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Edited By: Shanu Sharma
Ahmed al-Sharaa
Courtesy: Social Media

Ahmed al-Sharaa: सीरिया पर अब अहमद अल-शरा का राज है. बशर अल-असद सरकार को सत्ता से हटाने के बाद अब विद्रोही संगठन ने सीरिया पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. सीरिया में हुए इस विद्रोह और सत्ता परिवर्तन को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा है. इसी बीच HTS नेता ने बीबीसी से बात करते हुए बताया कि लगातार युद्ध के कारण अब देश थक चुका है. अब किसी भी  पड़ोसियों या पश्चिम के लिए कोई खतरा नहीं है.

इसी के साथ दूसरे देशों से सीरिया पर लगे प्रतिबंधों को हटाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि अब जो कुछ भी हुआ है उसके बाद प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए क्योंकि वे पुराने शासन को लक्षित थे. पीड़ित और उत्पीड़क के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. शरा के नेतृत्व में ही HTS के विद्रोहियों ने अल-असद के शासन को उखाड़ फेंका था. अहमद अल-शरा को पहले अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नाम से जाना जाता था.

HTS को इस सूची से हटाने की मांग 

अल-शरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि HTS को आतंकवादी समूह की सूची से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन सहित कई अन्य संगठनों द्वारा नामित किया गया है. बता दें कि HTS की शुरुआत अल-कायदा के एक अलग समूह के रुप में की गई थी. हालांकि बाद में 2016 के करीब ये समूह अल-कायदा से अलग होगा. शरा ने दावा किया है कि ये एचटीएस समूह कभी भी आतंकवादी संगठन था ही नहीं. इस समूह ने किसी भी नागरिक या नागरिक क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाया. इतना ही नहीं उनका मानना है कि असद सरकार ने उनपर अत्याचार किए हैं.

अफगानिस्तान से अलग है सीरिया

सीरिया पर कब्जा करने वाला HTS ने इस बात को शिरे से नकारा है कि वो सीरिया भी को अफगानिस्तान की तरह ही बदलना चाहते हैं. शरा का कहना है कि दोनों देश बिल्कुल अलग हैं, दोनों की परंपराएं अलग है. अफगानिस्तान आदिवासी समाज से आता था, वहीं सीरिया की परंपराएं बिल्कुल अलग है. यहां की मानसिकता वहां से पूरी तरह भिन्न है. इतना ही नहीं सीरिया पर कब्जा कर चूके संगठन के नेता ने महिलाओं को लेकर भी अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के लिए शिक्षा के महत्व पर विश्वास करते हैं.

महिलाओं पर विद्रोहियों की राय

उन्होंने कहा कि पिछले 8 साल से इदलिब में विश्वविद्यालय हमारे कब्जे में हैं. यहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या है. यहां लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं पढ़ती है. वहीं शराब के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी किसी भी चीज के बारे में हम बात भी नहीं कर सकते हैं इसलिए ये अधिकार कानून के पास होगा कि शराब पीने की अनुमति दी जाए या नहीं. उन्होंने सीरिया में नए संविधान और कानून की बात कही है. उन्होंने कहा कि संविधान लिखने के लिए कानूनी विशेषज्ञों की एक सीरियाई समिति होगी. ये सभी निर्णय वही लेंगे. जिसके बाद सभी शासकों और राष्ट्रपतियों को उस कानून का पालन करना होगा. हालांकि सीरिया के लोगों में अभी भी उन्हें लेकर पूरी तरह से एक्सेप्टेंस नहीं है.