आग के लपेटे में सीरिया: बीच सड़क पर फटा गोला-बारूद से भरा टैंक; मौत को टक से छूकर वापस आए शख्स का वीडियो
सीरिया में अल-असद परिवार की सत्ता खत्म हो चुकी है. अब यहां विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है. हालांकि इससे पहले देश में 10 दिनों तक लागातार खराब माहौल रहा.जगह-जगह पर धमाके और विस्फोट देखें गएं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सीरिया आग के लपेटे में नजर आ रहे हैं.
Syria Civil War: सीरिया में लगभग 55 सालों से चल रहा अल-असद परिवार का राज अब खत्म हो चुका है. विद्रोही समूह HTS ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया. हालांकि कब्जा करने से पहले ही वहां के राष्ट्रपति बशर अल-असद अपने परिवार के साथ देश छोड़कर भाग निकलें. हालांकि इससे पहले देश में 13 सालों तक गृह युद्ध चलता रहा. आखिरी के दिनों में देश का हाल काफी बुरा हो चुका था. पूरा देश आग के लपेटे में आ चुका था. विद्रोहियों द्वारा दमिश्क को अपना निशाना बनाया गया.
सोशल मीडिया पर अब एक वीडियो सामने आया है. जिसमें दमिश्क के बीच सड़क पर गोला-बारूद से भरा टैंक फंटता नजर आ रहा है. हालांकि ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जिसमें दमिश्क के बुरे हालात को साफ तौर पर देखा जा सकता हैं. लेकिन ये वीडियो उनमें से खास है, क्योंकि इसमें एक इंसान मौत से केवल दो कदम की दूरी पर नजर आ रहा है.
सड़क पर फटा गोला-बारूद से भरा टैंक
वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि एक कार सड़क पर जा रही है. उसके आगे-आगे एक साइकिल सवार चल रहा है. शहर में चारों ओर संन्नाटा है और आसमान में काला धुआं छाया हुआ है. इसी बीच अचानक एक विस्फोट होता है और आग का एक गुब्बारा सड़क की ओर निकलता है. इस दौरान साइकिल पर सवार व्यक्ति आग की लपेटे से महज दो कदम की दूरी पर रहता है. आग के गुब्बारे को देखते ही वो व्यक्ति साइकिल को वहीं छोड़कर भाग निकलता है. वहीं कार सवार महिला इस पूरे दृश्य को कैमरे में कैद कर लेती है.
अल-असद परिवार की राजनीति
सीरिया में 1970 से अल-असद परिवार का राज चल रहा था. हालांकि 2000 में पिता की मृत्यु के बाद बशर अल-असद ने देश की गद्दी संभाली थी. जिनका 2024 में तख्तापलट दिया गया. हालांकि 55 साल पहले बशर पिता ने भी ठीक इसी तरह से देश की गद्दी तख्तापलट कर के हासिल की थी. हाफिज असद अलावाइट्स समूह से आते थे. जो कि सीरिया में एक अल्पसंख्क समूह हैं. उन्होंने बांटो और राज करो की नीति अपना कर देश पर लगभग 30 सालों तक राज किया. हालांकि उनके बेटे इसी नीति के शिकार बनें और उनको 24 सालों में अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी.