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सीरिया में फिर भड़की हिंसा, असद समर्थकों और सरकार के बीच भीषण संघर्ष जारी, अब तक 500 से ज्यादा की मौत

सीरियाई अधिकारियों ने मृतकों की संख्या जारी नहीं की, लेकिन सरकारी समाचार एजेंसी SANA ने एक अज्ञात सुरक्षा अधिकारी के हवाले से कहा कि कई लोग हाल के हमलों के प्रतिशोध में तटीय क्षेत्र में गए थे.

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सीरिया के पूर्व तानाशाह बशर अल असद समर्थकों और मौजूदा अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा (अबू मोहम्मद अल जुलानी) सरकार के HTS सुरक्षाबलों के बीच लड़ाई तेज हो गई है. शनिवार (8 मार्च) की सुबह तक, सीरिया के तटीय लताकिया क्षेत्र में जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या 500 से ज्यादा हो गई है. बता दें कि, असद शासन को उखाड़ फेंकने के लिए संघर्ष कर रहे सशस्त्र समूहों के खिलाफ संक्रमणकालीन सरकार की सेना की कार्रवाई जारी है.

ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, इस संघर्ष में कम से कम 120 विद्रोहियों और 93 सरकारी सैनिकों की मौत हुई है, जबकि लगभग 330 नागरिकों की मौत प्रतिशोधी हमलों में हुई है, जिन्हें "हत्याकांड" बताया गया है.

सीरियन ऑब्जर्वेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स ने हमले पर क्या बोला?

SOHR के एक प्रवक्ता ने कहा, "युवकों को उस तरीके से मार डाला गया, जो पूर्व शासन के सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाइयों से अलग नहीं था." उनका कहना है कि अलावाइट नागरिकों, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, उनको "फांसी दी गई" और उनके घरों एवं संपत्तियों को लूटा गया. संघर्ष की शुरुआत गुरुवार को जबलेह शहर के आसपास हुई थी और यह अब सीरिया के तटीय इलाके में फैल चुका है, जो असद के अलावाइट समुदाय का गढ़ है.

जानिए सरकार की क्या रही प्रतिक्रिया?

सीरिया की जनरल इंटेलिजेंस सर्विस ने बयान में कहा कि "शुरुआती जांच से पता चला है कि ये अपराध पूर्व सैन्य और सुरक्षा नेताओं द्वारा प्लान्ड किए गए थे, जो अब खत्म हो चुके शासन से जुड़े हैं. एक रक्षा मंत्रालय प्रवक्ता ने दावा किया कि सरकारी बलों ने जमीन पर तेज़ी से प्रगति की और उन क्षेत्रों को पुनः कब्जा कर लिया, जहां सुरक्षा बलों पर हमले हुए थे.

सीरियाई अधिकारियों ने मृतकों की संख्या जारी नहीं की, लेकिन सरकारी समाचार एजेंसी SANA ने एक अज्ञात सुरक्षा अधिकारी के हवाले से कहा कि कई लोग हाल के हमलों के प्रतिशोध में तटीय क्षेत्र में गए थे.

जर्मनी का अपील: हिंसा की "घातक घेराबंदी" को रोकने का आग्रह

जर्मन विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को सीरिया के सभी पक्षों से हिंसा की "घातक घेराबंदी" से बचने का आग्रह करते हुए एक बयान जारी किया. जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बैएरबॉक ने सीरिया के लिए समर्थन का प्रस्ताव रखा था, बशर्ते सरकार कुछ शर्तों को पूरा करे, जिनमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है.

सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति का संदेश

सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शारा, जिन्होंने असद शासन को उखाड़ फेंका था,  उन्होंने असद समर्थक अलावाइट लड़ाकों से अपील की कि वे "अपने हथियार डाल दें" इससे पहले कि बहुत देर हो जाए. उन्होंने यह भी कहा कि "राज्य के हाथों में हथियारों का एकाधिकार करने के लिए हम काम करना जारी रखेंगे, और अब कोई भी अव्यवस्थित हथियार नहीं होंगे.

अलावाइट समुदाय और संघर्ष की जड़ें

सीरिया का तटीय क्षेत्र देश के अलावाइट अल्पसंख्यक का गढ़ है, जो शिया इस्लाम के अनुयायी हैं और सीरिया की मुख्यतः सुन्नी आबादी में 9% से अधिक हैं. असद भी अलावाइट समुदाय से आते हैं और उनका शासन सैन्य और सुरक्षा ढांचे में अलावाइटों के भारी प्रतिनिधित्व पर आधारित था.

नए शासन की कमजोरी और हिंसा का दौर

स्वतंत्र शोध फाउंडेशन सेंचुरी इंटरनेशनल के आरोन लुंड के अनुसार, संक्रमणकालीन सरकार द्वारा की गई कड़ी प्रतिक्रिया ने नए शासन की "नाजुकता" को उजागर किया है. लुंड ने एएफपी को बताया, "दोनों पक्षों को लगता है कि वे हमले का सामना कर रहे हैं, दोनों पक्षों ने दूसरे पक्ष के हाथों में भयानक अत्याचार सहे हैं, और दोनों पक्ष सशस्त्र हैं.